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लड़ाई को छोड़, मिलजुल कर रहें भारतीय हाथी और चीनी ड्रैगन : चीन सरकार

लड़ाई को छोड़, मिलजुल कर रहें भारतीय हाथी और चीनी ड्रैगन : चीन सरकार

 

बीजिंग: डोकलाम विवाद के बाद से भारत और चीन के रिश्तों में खटास बरकार है. लेकिन अब चीन भारत के साथ नए सिरे से रिश्तों को बेहतर बनाना चाहता है. भारत से गहरी दोस्ती करने की बैचनी चीन दिखा रहा है. लिहाजा इस बार उसने भारत के साथ कूटनीतिक बातचीत में नए शब्दों का इस्तेमाल किया है. चीन के विदेश मंत्री वांग यि मीडिया से बात करते हुए कहा कि चीनी ड्रैगन और भारतीय हाथी को आपस में लड़ना नहीं चाहिए बल्कि उन्हें साथ- साथ मिलजुल कर रहना चाहिए. वांग यि यह इशारा भारत और चीन के बीच संबंधों की ओर था.

जब वांग से पूछा गया कि दोकलम सहित पिछले साल कई मुद्दों को लेकर भारत के साथ चीन के तनावपूर्ण रिश्तों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा- कुछ परीक्षण और कठिनाइयों के बावजूद, भारत और चीन के रिश्तों को लगातार बढ़ना है। चीनी ड्रैगन और भारतीय हाथी को आपस में लड़ाई करने के बजाय एक-दूसरे के साथ डांस करना चाहिए। चीन का यह बयान बताता है कि वह भारत की लगातार बढ़ती ताकत को समझ रहा है।


द्वीपक्षीय वार्ता पिछले साल कई मामलों की वजह से प्रभावित हुए थे। जिसमें दोकलम गतिरोध, चीन-पाकिस्तान का इकोनॉमिक कॉरिडोर विवाद, चीन द्वारा संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान बेस्ड आतंकी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने में अड़ंगा लगाने और भारत की परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में एंट्री करने से रोक लगाना शामिल है। दोकलाम में भारत और चीनी सेना के बीच 73 दिनों तक गतिरोध जारी रहा। यह गतिरोध 28 अगस्त को तब खत्म हुआ था जब चीन ने रोड बनाने का काम चिकन नेक कॉरिडोर में रोक दिया था। इस कॉरिडोर पर भूटान अपना दावा करता है।

वांग ने हालांकि कहा कि दोनों देशों को अपने मानसिक संकोच को छोड़ने, अपने मतभेदों का प्रबंधन करने और एक दूसरे के साथ मिलना चाहिए। चीन अपने अधिकारों और वैध हितों का समर्थन कर रहा है और भारत के साथ अपने संबंधों को बनाए रखने का ख्याल रख रहा है। भारत और चीन के नेताओं के पास भविष्य के रिश्तों को बनाए रखने के लिए रणनीतिक दृष्टि है। यदि चीन और भारत मिल जाते हैं तो एक और एक मिलकर दो की बजाए ग्यारह बन जाएंगे।

 


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