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हिमाचल सरकार ने तीन दशक पुराना विवाद सेना के साथ सुलझाया, देगी 600 बीघा जमीन

हिमाचल सरकार ने तीन दशक पुराना विवाद सेना के साथ सुलझाया, देगी 600 बीघा जमीन

 

हिमाचल सरकार ने करीब तीन दशकों से सेना के साथ चल रहे जमीन विवाद को सुलझा लिया है। चंडीगढ़ स्थित चंडी मंदिर में पश्चिम कमान की तीन दिन पहले हुई बैठक में सैन्य और राज्य सरकार के अफसरों के बीच प्रदेश के विभिन्न छावनी क्षेत्रों से जुड़े सभी जमीन विवादों पर चर्चा हुई। चर्चा के बाद तय हुआ कि प्रदेश सरकार प्रदेश में अलग-अलग जगह विवाद की वजह बनी जमीनों के बदले सेना को एक ही जगह 600 बीघा जमीन मुहैया करवाएगी। विवाद सुलझने के बाद सेना ने नाहन के कैंट एरिया में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत नौ साल से अटकी एक सड़क को पूरा करने के लिए भी मंजूरी दे दी है।

करीब तीन दशक पहले नाहन छावनी क्षेत्र में आम लोगों के बसने के बाद टकराव की स्थिति बन गई थी, जो आज तक जस की तस है। जयराम सरकार के गठन के बाद स्थानीय नेताओं ने विवाद सुलझाने के लिए सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की, जिसके बाद मुख्य सचिव के निर्देश पर सैनिक कल्याण और राजस्व विभाग के अधिकारियों ने नाहन विवाद को समझकर बीच का रास्ता निकालने का प्रयास शुरू किया।

तीन दिन पहले चंडीगढ़ में हुई बैठक में सैनिक कल्याण विभाग के सचिव आरएन बत्ता, उप सचिव प्रवीण कुमार टाक, डीसी सिरमौर डॉ. आरके परुथी के अलावा सैनिक कल्याण विभाग के अन्य अधिकारियों ने सेना के अधिकारियों से चर्चा की। चर्चा के बाद इस बात पर दोनों पक्षों में एक राय बनी कि हिमाचल सरकार सेना को पालमपुर, कसौली या योल में एकमुश्त 600 बीघा जमीन देगी, जिसके बदले सेना विवादित क्षेत्रों में अपना क्लेम छोड़ देगी।


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