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हिमाचल मंत्रिमंडल ने पार्टी सिंबल पर नगर निगम चुनाव कराने को दी मंजूरी

हिमाचल मंत्रिमंडल ने पार्टी सिंबल पर नगर निगम चुनाव कराने को दी मंजूरी

 

हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल ने नगर निगम के चुनाव पार्टी चिन्हों पर करवाए जाने को मंजूरी दे दी है। इस आशय का निर्णय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। हिमाचल प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1994 और हिमाचल प्रदेश नगर निगम चुनाव नियमों, 2012 में संशोधन करने का निर्णय लिया गया।

इन संशोधनों से पार्टी चिन्हों पर चुनाव आयोजित करवाने, अन्य पिछडे वर्गों को आरक्षण प्रदान करने और दल-बदल पर अयोग्य घोषित करने तथा अविश्वास प्रस्ताव आदि को मजबूत करने का मार्ग प्रशस्त करेंगे। बता दें कि प्रदेश में चार नगर निगमों में चुनाव होनें हैं। इनमें पालमपुर, धर्मशाला, मंडी और सोलन शामिल हैं।

इसके अलावा एसएमसी शिक्षकों को राहत देते हुए प्राथमिक और उच्च शिक्षा विभागों में एसएमसी शिक्षकों की नीति के तहत पहले से तैनात 2555 एसएमसी शिक्षकों की नियुक्ति को शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया है। प्रदेश के पात्र कृषि उत्पादक संगठनों को प्रोत्साहन, रियायतें और सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से कैबिनेट ने किसान उत्पादक संगठन (एफपीओज) 2020 मुख्यमंत्री कृषि कोष योजना लागू करने का निर्णय लिया है।

इस योजना के तहत एफपीओ कुल परियोजना लागत की 30 प्रतिशत प्रारंभिक राशि का लाभ उठा सकते हैं जिसके लिए अधिकतम सीलिंग छः लाख अथवा एफपीओ द्वारा अर्जित डेढ़ गुणा इक्विटी जो भी कम हो, का लाभ मिल सकेगा। यह योजना बैंक ऋण, ब्याज अनुदान आदि के लिए क्रैडिट गारंटी कवर भी सुनिश्चित करेगी।

इसके अलावा कैबिनेट ने मोटर वाहन एक्ट में संशोधन करने के प्रस्ताव के साथ-साथ अधिनियम की धारा-200 के तहत कम्पाउंड अपराधों में सक्षम अधिकारियों को जुर्माना लगाने के शक्तियों में संशोधन की भी मंजूरी प्रदान की। यह निर्णय लोगों को सुरक्षित ड्राईविंग अपनाने के लिए प्रेरित करने के लिए लिया गया है और इससे उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।

वही, कैबिनेट ने उद्यमियों के बोझ को कम करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना 2019 में संशोधन को अनुमति प्रदान की गई। इससे उद्यमियों पर ऋण का बोझ कम होगा और सब्सिडी उधारकर्ता के सावधि ऋण खातों में जमा की जाएगी। यह तीन साल के बाद ही समायोजित की जाएगी। इस योजना के तहत बैंक द्वारा ऋण की पहली किश्त के वितरण के बाद महाप्रबन्धक, जीआईसी पहले 60 प्रतिशत की दर से अनुदान राशि को मंजूरी प्रदान करेंगे।

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