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हरियाणा : गृहमंत्री अनिल विज का बयान,बिना मिलीभगत के गोदामों से शराब नहीं हो सकती गायब

हरियाणा : गृहमंत्री अनिल विज का बयान,बिना मिलीभगत के गोदामों से शराब नहीं हो सकती गायब

 

गृहमंत्री अनिल विज (Anil Vij) ने सोनीपत के खरखौदा में वेयर हाउस से लाक डाउन के दौरान भारी मात्रा में शराब बाहर निकलने और इन गोदामों के अंदर दूसरे प्रदेशों में बिकने वाली शराब(alcohol) मिलने के मामले के तार इंटरस्टेट गैंग (Interstate gang) से जुड़े होने की बात कही है। गृहमंत्री विज ने इस पूरे मामले में एसआईटी (SIT) में एक प्रशासनिक विभाग, एक वरिष्ठ पुलिस अफसर व एक आबकारी कराधान विभाग का अफसर शामिल करने की घोषणा की है। ये एसआईटी राज्य के दूसरे हिस्सों में बने गोदामों फतेहाबाद, समालखा समेत बाकी स्थानों के गोदामों की भी जांच करेगी, लेकिन उन्होंने इस बात पर आश्चर्य जाहिर किया है कि करोड़ों की शराब गायब हो जाने के बाद भी इस मामले में आबकारी विभाग (Excise Department) के अफसर शिकायत देने में कतरा रहे हैं।

पूरे लाक डाउन के दौरान जमकर खेल हुआ उन्होंने साफ कर दिया है कि इस मामले में कोई कितना भी बड़ा व्यक्ति क्यों नहीं हो बख्शा नहीं जाएगा। विज ने दुष्यंत चौटाला द्वारा इस संबंध में किसी भी तरह की जांच किए जाने के आग्रह की बात से इनकार किया है। अपनी साफगोई बात के लिए मशहूर विज ने कहा कि दुष्यंत ने अभी तक भी उनके साथ में कोई बात नहीं की। गुरुवार देर शाम को वीसी के जरिए मीडिया से बातचीत में विज ने कहा कि एक दागी व्यक्ति जिसके खिलाफ पहले ही केस दर्ज हैं, उसकी पत्नी के नाम पर खरखौदा में एक बड़ा वेयर हाउस पुलिस द्वारा पकड़कर रखी जाने वाले गोदाम के पास में स्थापित किया गया। दोनों ही गोदामों को इंटरकनेक्टिंग कर दिया गया। कईं बातों से यह साफ हो जाता है कि पूरे लाक डाउन के दौरान जमकर खेल हुआ औऱ इसमें अधिकारियों की मिलीभगत थी। हमने अपने विभाग के दो निरीक्षकों सहित सभी आरोपितों के विरुद्ध केस दर्ज किया है, इस मामले में किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा, भले ही वो कितना भी प्रभावशाली क्यों नहीं हो ??

विज ने कहा कि जिस समय महामारी और संकट, चुनौती का समय था, उस समय शराब माफियाओं ने पुलिस को परेशान किया। इस दौरान हमारी पुलिस ने दो लाख बोतलें शराब की पकड़ी है लेकिन इसमें कोई बात नहीं है कि प्रदेश के अंदर शराब माफिया जमकर अपना खेल करते ऱहे। विज ने बेहद ही खुले दिल से स्वीकार किया कि बिना पुलिस, आबकारी विभाग और निजी वेयर हाउस मालिक, कारिंदों की मिलीभगत के एक बोतल भी शराब बाहर नहीं आ सकती। इस पूरे मामले को हमने गंभीरता से लिया है, हम प्रदेश में इस तरह का खेल किसी भी सूरत में नहीं होने देंगे, प्रदेश में शराब माफियाओं पर शिकंजा कसा जाएगा, लाक डाउन के दौरान किन तत्वों ने खेल किया है, उन चेहरों को बेनकाब करके रहेंगे।

विज ने यह भी कहा कि इन मामलों में संयुक्त जांच की जाती है। आबकारी व कराधान विभाग इसमें मुख्य विभाग है, इसीलिए हमने संयुक्त अफसरों की टीम बनाकर इसमें जांच कराने का फैसला लिया है। कोई घोटाला अथवा किसी का दबाव नहीं हो इसके लिए एसआईटी गठित की गई है। विज ने इस बात की पुष्टि भी कर दी है कि राज्य पुलिस का एक वरिष्ठ अफसर इस पूरे मामले में मानीटरिंग कर रहा है, इसीलिए किसी भी तरह की लीपापोती नहीं होने देंगे। विज ने कहा कि पुलिस की संपत्ति वाले गोदाम से 55 सौ पेटियां गायब हुईं। जबकि निजी वेयर हाउस में दूसरे राज्यों में बिकने वाले शराब की पेटियां 14 मिली हैं। इस तरह का काम पूरी तरह से नियम विरुद्ध औऱ शराब तस्करी का मामला है।

प्रदेश के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने डिप्टी सीएम व जजपा नेता दुष्यंत चौटाला द्वारा शराब घोटाले में किसी तरह का कोई आग्रह किए जाने की बात का खंडन कर दिया है। विज ने कहा कि दुष्यंत ने जिस तरह से मीडिया में बयान दिया है, इस तरह का उनकी और विभाग की ओऱ से कोई आग्रह नहीं किया गया है। उनको इस तरह का बयान देने से पहले मुझसे बात करनी चाहिए थी, जबकि हकीकत यह है कि दुष्यंत चौटाला ने मुझसे इस विषय पर कोई बातचीत की ही नहीं।

 


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