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क्या आप भी हैं Over Thinking के शिकार? तो इन तरीकों से कम हो सकती है परेशानी

क्या आप भी हैं Over Thinking के शिकार? तो इन तरीकों से कम हो सकती है परेशानी

 

जीवन में उतार चढ़ाव तो लगे रहते हैं, लेकिन कुछ लोगों को अपनी जिंदगी से कई शिकायतें होती हैं। उन लोगों को अपनी जिम्‍मेदारियां बोझ लगने लगती हैं और जिम्मेदारियों के दबाव में वे अपने अंदर के उत्‍साह और उमंगों को मरता महसूस करने लगते हैं। ऐसे में वे हमेशा विचारों में डूबे रहते हैं। वहीं, लगातार सोचते रहने के कारण वे ओवर थिंकिंग की समस्या के शिकार हो जाते हैं। लेकिन हम आपको बता दें कि हर वक़्त सोचते रहना या हमेशा किसी सोच में डूबे रहना भी आपको बीमार कर सकता है। ये ओवर थिंकिंग की समस्या आपके लिए खतरनाक साबित हो सकती है।

जी हां, अधिक सोचने से आपकी नींद और आपके खान-पान में खलल पैदा हो सकता है। वहीं, ज्यादा सोचने के कारण आप नकारात्मक विचारों में फंस सकते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक ओवर थिंकिंग में आपके मन में बार-बार नकारात्मक विचार आ सकते हैं, जो आपके दिमाग में अतीत के भावनात्मक आघात को दोहराते हैं और लगता है कि सब कुछ खत्म हो गया।

ऐसे में बार बार नकारात्‍मक बातों को सोचने की आदत आपको खुश और सकारात्मक होने से पीछे खींचती है और इसका नतीजा यह होता है कि आप आशावादी होने की तुलना में हर चीज के बारे में खुद को कहीं ज्‍यादा निराशावादी महसूस करते हैं। ऐसे में आज हम आपको कुछ तरीके बताने जा रहे है जो आपको ओवर थिंकिंग और नकारात्‍मक विचारों के चक्र को तोड़ने और इनसे बाहर निकलने में आपकी मदद कर सकते है। तो चलिए जानते है... 

बेचैनी को समझें 

जब आप ओवर थिंकिंग के जाल में फंस रहे हों तो अपना ध्‍यान अपने शौक पर लगा सकते हैं। यानी अगर आपको संगीत सुनना, गाना पसंद है, तो आप इसमें अपना ध्‍यान लगा सकते हैं। या फिर खाना पकाने, डांस करने, टीवी शो देखने, लिखने, पेंटिंग करने या ऑनलाइन योग क्‍लास में शामिल होकर ओवर थिंकिंग में होने वाली व्याकुलता से मुक्ति पा सकते हैं। इस तरह आप अपने दिमाग को सक्रिय रखे सकेंगे। 

वर्तमान पर दें ध्यान 

जब आप नकारात्मक सोचना शुरू करते हैं, तो इस नकारात्मकता के कारण को पहचानने की कोशिश करें। नकारात्मक विचार खुद पर हावी न होने दें. इन्‍हें अपने दिमाग से निकाल फेंकें। इसके लिए अपने आपको मानसिक तौर पर मजबूत बनाएं। यह सोचने में अपना समय बर्बाद न करें कि भविष्य में क्‍या होगा। नकारात्‍मक विचारों से निकल कर भविष्‍य के बारे में बेहतर सोचें। पुरानी यादों और नकारात्‍मक विचारों से ध्‍यान हटा कर वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करें। 

अधूरे कामों को करें पूरा 

कुछ लोग ओवरथिंकिंग के चक्र से बचने के लिए अस्थायी समाधान का सहारा लेते हैं। इससे अस्थायी तौर पर तो राहत मिल सकती है, लेकिन इससे पूरी तरह निजात पाने के लिए कुछ कारगर तरीके अपनाने की जरूरत है। ओवरथिंकिंग की समस्या को हल करने पर ध्यान केंद्रित करें। इसके लिए जरूरी है कि आप अपना समय बेकार की चीजें सोचने में न लगा कर अपने काम पर लगाएं। अपने अधूरे पड़े कामों को पूरा करें। इससे आपको आगे के कार्यों के लिए प्रेरणा मिलेगी। 

प्रकृति से रखें जुड़ाव 

दरअसल, ओवर थिंकिंग अकेले में ज्‍यादा हावी होती है। ऐसे में उन चीजों से दूरी बनाएं जो आपको तनाव देती हैं या घबराहट पैदा करती हैं। इसके लिए आप दिन का कुछ समय मेडिटेशन का अभ्‍यास करें. शाम को वॉकिंग को अपने रूटीन में शामिल करें। प्रकृति में बिखरी शांति आपको सुकून देगी। 

अधूरे कामों को करें पूरा

कुछ लोग ओवर थिंकिंग के चक्र से बचने के लिए अस्थायी समाधान का सहारा लेते हैं। इससे अस्थायी तौर पर तो राहत मिल सकती है, लेकिन इससे पूरी तरह निजात पाने के लिए कुछ कारगर तरीके अपनाने की जरूरत है। ओवर थिंकिंग की समस्या को हल करने पर ध्यान केंद्रित करें। इसके लिए जरूरी है कि आप अपना समय बेकार की चीजें सोचने में न लगा कर अपने काम पर लगाएं। अपने अधूरे पड़े कामों को पूरा करें। इससे आपको आगे के कार्यों के लिए प्रेरणा मिलेगी।

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