होम
देश
दुनिया
राज्य
खेल
बिजनेस
मनोरंजन
सेहत
नॉलेज
फैशन/लाइफ स्टाइल
अध्यात्म

 

हरियाणा में कृषि अध्यादेशों के खिलाफ सड़कों पर उतरे किसान, लगाया जाम, सरकार को दी ये चेतावनी

हरियाणा में कृषि अध्यादेशों के खिलाफ सड़कों पर उतरे किसान, लगाया जाम, सरकार को दी ये चेतावनी

 

हरियाणा में आज तीन अध्यादेश कानून को लेकर अलग-अलग जगह पर स्थानीय रोड से लेकर हाईवे जाम किया गया। किसान लगातार तीनों अध्यादेश कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, बावजूद इसके राज्यसभा में तीन अध्यादेश कानून को पास कर दिया गया है। वही, अध्यादेश पास होने के बाद किसानों में काफी गुस्सा है। ऐसे में आक्रोशित किसानों ने कहा है कि प्रदेश की सरकार अगर तीन अध्यादेश कानून को वापस नहीं लेगी तो किसान मजदूर और व्यापारी वर्ग बड़े आंदोलन की तैयारी करेगा और पूरे भारत को बंद करने का काम करेगा। 

नेशनल हाईवे को किसानों ने 3 घंटे तक रखा जाम 

गोहाना में आज नेशनल हाईवे पानीपत रोहतक को किसानों ने 3 घंटे तक जाम रखा। हालांकि प्रशासन की सूझबूझ से लोगों को परेशानी ना हो इसके लिए पहले से ही रूट डाइवर्ट कर दिए थे। गोहांना हाईव जाम जरूर हुआ लेकिन जाम से निपटने के लिए कोई दिक्कत प्रशासन को कोई दिक्कत का सामना नही किया। 3 घटे के बाद सभी जाम खोल दिए गए और मौके पर पुलिस ने भी किसानों को निर्देश दिए। 

किसानों की सरकार को चेतावनी 

इसके अलावा गोहाना में नई अनाज मंडी के सामने आरती और व्यापारी वर्ग ने तीन अध्यादेश कानून के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया और उसके बाद जींद रोड को जाम किया। वहीं दूसरी तरफ गोहाना और बरोदा के किसानों ने गांव रूखी के नजदीक पानीपत रोहतक हाईवे को 3 घंटे तक जाम रखा और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। तीन अध्यादेश कानून के विरोध में बर्खास्त किए हुए पीटीआई टीचर व अन्य कई सामाजिक संगठन रोड जाम करने के लिए हाईवे पर आकर बैठ गए।

एक तरफ जहां सरकार तीन अध्यादेश  कानून को राज्यसभा में पास कर चुकी है तो इसके बाद किसानों में गुस्से की आग बढ़ गई है और किसानों ने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर सरकार ने इस काले कानून को लागू किया तो आने वाले समय में प्रदेश की सरकार को इसके लिए गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं और दिल्ली की तरफ जाने वाली  मुनक नहर जो जाट आरक्षण के दौरान बंद की गई थी दोबारा से बंद करने का काम हरियाणा के किसान करेंगे और किसानों ने ये भी फैसला किया है कि हरियाणा से दिल्ली की तरफ जाने वाली फल सब्जियां भेजने पर भी किसान पूरी तरह से रोक लगा देंगे। चाहे उसके लिए किसानों को कोई भी परिणाम क्यों ना उतना पड़े अब देखना यह होगा कि प्रदेश की सरकार अध्यादेश कानून को लागू करेगी या फिर किसानों के खिलाफ बिगुल बजाएगी। 

'अध्यादेशों में संशोधन नहीं किया तो और अधिक उग्र होगा आंदोलन' 

वही, किसान नेता रामपाल चहल ने बताया कि 10 सितंबर को पिपली किसान रैली में प्रशासन द्वारा किसानों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर पूरे प्रदेश के किसानों मे रोष पनप रहा था। उसी दिन यह घोषणा की गई थी कि किसान 20 तारीख को फिर से तीन घंटे का प्रदर्शन करेगें जिसके चलते आज यह रोष प्रदर्शन किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि यदि आज भी सरकार ना जागी तो 25 सितंबर को पुरा हरियाणा बंद रहेगा। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन को सभी लोगों का पूरा सहयोग मिल रहा है। चहल ने कहा कि अगर 25 को भी सरकार नहीं जागी तो 27 सितंबर को पूरे देश के किसान प्रतिनिधि एक बैठक करेगेें और आगामी आंदोलन को लेकर रणनीति तैयार की जाएगी। उन्होने कहा कि आज इंद्री में भादसों चौंक, इंद्री-करनाल रोड़ व ब्याना मंडी में किसान द्वारा रोड जाम किया गया।

चहल ने कहा कि अध्यादेश बिल्कुल गलत है यह न तो आढ़ती के हक में है और न ही किसान व मजदूर के हक में है, यह अध्यादेश पूरे देश को बर्बाद कर देगें। इसके अलावा मंड़ी प्रधान सतपाल बैरागी ने कहा कि सरकार दोहरीनीति लागू करना चाहती है जो कि सही नहीं है। सरकार को एमएसपी वाली स्थिति को स्पष्ट करना होगा नहीं तो आढ़ती व इस व्यवसाय से जुड़े लाखों लोग बेघर हो जायेगें। ये तीनों अध्यादेश गलत है और हम इन सब का ही विरोध कर रहे है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने इन अध्यादेशों में संशोधन नहीं किया तो यह आंदोलन और अधिक उग्र होगा।  

यह भी पढ़ें- विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच राज्यसभा में कृषि बिल पास, PM मोदी बोले- भारत के कृषि इतिहास में...


संबंधित समाचार