होम
देश
दुनिया
राज्य
खेल
बिजनेस
मनोरंजन
सेहत
नॉलेज
फैशन/लाइफ स्टाइल
अध्यात्म

 

लगातार 11वीं बार Turkiye के राष्ट्रपति बने एर्दोगन, 20 साल से तुर्किये की सत्ता पर काबिज

लगातार 11वीं बार Turkiye के राष्ट्रपति बने एर्दोगन, 20 साल से तुर्किये की सत्ता पर काबिज

 

Turkiye Election 2023: पिछले 20 साल से तुर्किये की सत्ता पर काबिज रजब तैयब एर्दोगान एक बार फिर राष्ट्रपति का चुनाव जीत गए हैं। इस चुनाव में जीत के बाद वो अगले 5 साल के लिए तुर्की का नेतृत्‍व करेंगे। यानी लगातार 11वीं बार उनकी बतौर राष्ट्रपति ताजपोशी होगी। बता दें कि तुर्किये में 14 मई को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हुआ था जिसमें एर्दोगन कुछ ही वोट से जीत से चुक गए जिसके बाद रविवार को दूसरे दौर का मतदान हुआ, जिसमें उन्हें जीत हासिल हुई। 

 

एर्दोगन को मिले 52 प्रतिशत वोट
बता दें कि  99 प्रतिशत मतों की गिनती के बाद अघोषित नतीजे में एर्दोगन की जीत हुई है। इससे सत्ता में 20 वर्ष पूरे कर चुके एर्दोगन अगले पांच वर्ष भी देश के राष्ट्रपति बने रहेंगे। विदेशी मीडिया  के अनुसार जिन मतों की गिनती हुई है उनमें एर्दोगन को 52 प्रतिशत मत और किलिकदारोग्लू को 48 प्रतिशत मत मिले हैं।

नाकामयाब रहा विपक्ष
इस चुनाव में एर्दोगान के मुख्य प्रतिद्वंद्वी थे पूर्व नौकरशाह कमाल केलिचडारोहलू, जो छह दलों के गठबंधन और मध्यमार्गी- वामपंथी मुख्य विपक्षी दल के उम्मीदवार थे। उन्होंने इस चुनाव को देश के भविष्य के लिए जनमत संग्रह करार दिया और जनता से अधिक लोकतांत्रिक समाज बहाल करने का वादा किया था। लेकिन एर्दोगान की जीत ने साफ कर दिया है कि उनका निरंकुतावादी शासन जारी रहेगा और फिलहाल जनता  उनके शासन में ज्यादा खुश है।

 

कौन हैं एर्दोगन?
एर्दोआन पिछले 20 साल से तुर्किये की सत्ता पर काबिज हैं। करीब 8.5 करोड़ आबादी वाले मुस्लिम देश तुर्किये पर राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन की इस्लामिक मूल की पार्टी का साल 2002 से शासन चल रहा है। तुर्की गणराज्य के संस्थापक मुस्तफा केमल अतातुर्क के बाद से वो इस देश के सबसे महत्वपूर्ण नेता हैं। एर्दोगन देश के तुर्क-युग के प्रभाव को फिर से बनाने और इसे एक वैश्विक शक्ति में बदलने के अभियान पर हैं। तुर्की के पहले राष्ट्रपति अतातुर्क ने धर्मनिरपेक्षता को मुख्य सिद्धांत बनाया था। लेकिन एर्दोगन इसके खिलाफ हैं। इनका कहना है कि तुर्कों को अपने धार्मिक विश्वासों को खुले तौर पर व्यक्त करने की अनुमति दी जानी चाहिए।

भारत विरोधी तुर्किये!
पता हो कि तुर्किये को उसकी भौगोलिक स्थिति के कारण भी काफी महत्व मिलता है। वह यूरोप और एशिया के मध्य में स्थित है। तुर्किये नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) का इकलौता मुस्लिम सदस्य देश है। तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोगन को पाकिस्तान समर्थक और भारत विरोधी नेता माना जाता है। वह संयुक्त राष्ट्र में कई बार जम्मू-कश्मीर मसला उठा चुके हैं।

 


संबंधित समाचार