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Dussehra 2020: जानें रावण दहन के बाद आखिर क्यों खाई जाती है जलेबी?

Dussehra 2020: जानें रावण दहन के बाद आखिर क्यों खाई जाती है जलेबी?

 

देशभर में आज नवमी मनाई जा रही है। इस दिन कन्याओं की पूजा कर उन्हें भोजन कराया जाता है। फिर उनको दक्षिणा देकर उनकी विदाई की जाती है। इसके साथ ही जो लोग नौ दिन का नवरात्रि व्रत रखते हैं वह अपने व्रत का समापन करते हैं। वही, इस बार नवमी और दशमी एक ही दिन है। ऐसे में कन्या पूजन के बाद दशहरे की तैयारी शुरू हो जाएगी।

25 अक्टूबर यानि आज देशभर में दशहरे का त्यौहार मनाया जाएगा। हालांकि कोरोना काल के चलते इस बार दशहरा मनाने की मनाही है, ताकि भीड़ इकट्ठी ना हो लेकिन फिर भी लोग अपने घर में ही मिठाइयां खाकर इस दिन को सेलिब्रेट कर सकेंगे। कहा जाता है कि इसी दिन भगवान राम ने लंकाधिपति रावण का वध किया था।

वहीं, मां दुर्गा ने इसी दिन महिषासुर का संहार कर बुराई पर अच्छाई की वियज प्राप्त की थी। इसके चलते इस दिन को 'विजयदशमी' भी कहा जाता है। जहां इस दौरान रावण के पुतले को जलाकर लोग अपनी खुशी मनाते हैं वहीं इस दिन जलेबी खाने का रिवाज भी काफी प्रचलित है।

मगर क्या आप जानते हैं कि इस दिन सिर्फ जलेबी ही क्यों खाई जाती है? 

दरअसल, दशहरे के दिन जलेबी खाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। पुरानी कथाओं की मानें तो, भगवान राम को 'शश्कुली' नाम की मिठाई काफी पसंद थी, जिसे अब जलेबी कहा जाता है। यही कारण है कि रावण दहन के बाद लोग जलेबी खाकर खुशी मनाते हैं।

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