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हरियाणा में डेंगू का कहर बरकरार, सात सालों का रिकॉर्ड टूटा

हरियाणा में डेंगू का कहर बरकरार, सात सालों का रिकॉर्ड टूटा

 

इस बार हरियाणा (Haryana) में बेकाबू डेंगू (Dengue) ने इस बार पिछले सात सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। 2015 के बाद पहली बार डेंगू के मामले 10 हजार के पार पहुंच गए है। गंभीर बात तो ये है कि अभी भी डेंगू के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। प्रतिदिन प्रदेश में औसतन 150 नए केस सामने आ रहे हैं। प्रदेश में सात जिले डेंगू के हॉटस्पॉट बने चुके हैं। इनमें हॉटस्पॉट जिलों में फतेहाबाद, पंचकूला, हिसार, सिरसा, सोनीपत, कैथल और अंबाला शामिल हैं। 
 

किस जिले में कितने मामले

-फतेहाबाद में 968 मामले
-पंचकूला में 843 मामले
-हिसार में 77 मामले
-सिरसा में 814 मामले
-सोनीपत में 759 मामले
-कैथल में 799 मामले
-अंबाला में 623

अब तक प्रदेश में 80814 लोगों के सैंपल लिए जा चुके हैं। हर रोज करीब 500 लोगों के सैंपल लिए जा रहे हैं। डेंगू से अब तक चार मरीजों की जान जा चुकी है। पंचकूला, फतेहाबाद, हिसार और नूंह में एक-एक मरीज की मौत हुई है। जबकि 348 मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। वहीं मलेरिया के भी 54 केस सामने आ चुके हैं। इस बार स्वास्थ्य विभाग की तरफ से हरियाणा को मलेरिया मुक्त बनाने के दावे भी फेल होते नजर आ रहे हैं। प्रदेश में डेंगू-मलेरिया के साथ-साथ 12 चिकनगुनिया के और एक मरीज जापानी बुखार का मिला है। मलेरिया के सबसे ज्यादा केस मेवात में सामने आए हैं।

क्या है केस बढ़ने का कारण
इस पर डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी के पीछे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बेमौसमी बारिश को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। लेकिन इसके अलावा एक कारण ये भी है कि विभाग की तरफ से समय पर फॉगिंग नहीं कराई गई, जिस वजह से डेंगू के मच्छर पनपे। डेंगू को लेकर विभाग की तैयारियों का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि एक माह से अभी तक 25 फॉगिंग मशीनों की खरीद की प्रक्रिया ही चल रही है। अब एक लाख से ज्यादा घरों में डेंगू के लारवा मिलने पर नोटिस दिए गए हैं। कि अब लगातार फॉगिंग जारी है और बचाव को लेकर लोगों को जागरूक भी किया जाएगा।

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