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कोरोना वायरस : हरियाणा में 31 मार्च तक सात जिलों में लॉकडाउन

कोरोना वायरस : हरियाणा में 31 मार्च तक सात जिलों में लॉकडाउन

 

कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए हरियाणा सरकार ने 22 मार्च, रविवार को रात 9.00 बजे से 31 मार्च तक राज्य के सात जिलों गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, पानीपत, झज्जर, रोहतक, पंचकूला में लॉकडाउन करने के आदेश दिए हैं। इन जिलों में आम गतिविधियां बंद रहेंगी। यह जानकारी हरियाणा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के एक प्रवक्ता ने दी।

प्रवक्ता ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोविड-19 को महामारी घोषित किया गया है और हरियाणा में कोरोना के 6600 से अधिक संदिग्ध हैं। ऐसे में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए कड़े सामाजिक भेद और अलगाव के उपायों को अपनाना अत्यावश्यक है, जो दुनिया भर के कई देशों में कहर मचा रहा है। उन्होंने बताया कि कोरोना से संक्रमित लोगों में विदेश से लौटे अधिकांश लोग गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, पानीपत, झज्जर, रोहतक, पंचकूला आदि से हैं।

हरियाणा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि इन क्षेत्रों में रविवार, 22 मार्च 2020 से 31 मार्च 2020 तक विभिन्न प्रतिबंधों को निर्धारित करते हुए टैक्सी, ऑटो-रिक्शा के संचालन सहित किसी भी सार्वजनिक परिवहन सेवाओं की अनुमति नहीं होगी। जबकि अपवाद के तौर पर अस्पतालों, हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशन से और सभी प्रकार के परिवहन शामिल होंगे। इसी प्रकार सभी दुकानें, वाणिज्यिक प्रतिष्ठान, कार्यालय और कारखाने, कार्यशालाएं, गोदाम भी बंद रहेंगे।

प्रवक्ता ने कहा कि सभी विदेशी रिटर्न व्यक्तियों को निर्देशित किया गया हैं कि वे स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा तय की गई अवधि के तहत घर पर ही एकांतवास में रहें। उन्होंने आगे बताया कि लोगों को घर पर रहने और केवल बुनियादी चीजों के लिए बाहर आने की आवश्यकता है तथा पहले से जारी सोशल डिस्टेंसिंग दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करना होगा। हालांकि, आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले विभिन्न प्रतिष्ठानों को इन प्रतिबंधों से बाहर रखा जाएगा।

उन्होंने बताया कि सात जिलों में विभिन्न प्रतिबंधों के अलावा भी पूरे राज्य में सभी अंतरराज्यीय बस सेवाएं निलंबित रहेंगी। सभी उपायुक्त कोविड-19 प्रकोप के लिए अपने-अपने प्रत्येक जिले में नियंत्रण कक्ष स्थापित करेंगे। प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस कमिश्नर, कलेक्टर, डीएम, एडीएम, डीसीपी, एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, बीडीपीओ, नगर निगम आयुक्त, कार्यकारी अधिकारी, शहरी स्थानीय निकायों के सचिव, एसएचओ इसके द्वारा पूर्वोक्त उपायों को लागू करने के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई करने हेतु अधिकृत हैं।

उन्होंने बताया कि स्थानीय पुलिस उपरोक्त अधिकारियों द्वारा अपेक्षित और आवश्यक सहायता प्रदान करेगी। किसी भी व्यक्ति को जो रोकथाम के उपायों का उल्लंघन करते हुए पाया गया है, तो उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (1860 का 45) के तहत दंडनीय अपराध माना जाएगा तथा पूर्व में लगाए गए प्रतिबंध राज्य के बाकी हिस्सों में लागू रहेंगे।

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