Himachal Congress: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने शनिवार को तीन बार के MLA और सीनियर दलित नेता विनय कुमार को हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी का नया प्रेसिडेंट बनाया। यह अपॉइंटमेंट ऐसे समय में हुआ है जब पार्टी राज्य में अपनी ऑर्गनाइज़ेशनल पकड़ मज़बूत करने की कोशिश कर रही है।
ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के जनरल सेक्रेटरी (ऑर्गनाइज़ेशन) केसी वेणुगोपाल ने एक बयान जारी कर बताया कि पार्टी प्रेसिडेंट मल्लिकार्जुन खड़गे ने विनय कुमार के अपॉइंटमेंट को तुरंत मंज़ूरी दे दी है। राज्य में कांग्रेस ऑर्गनाइज़ेशन के रीऑर्गनाइज़ेशन में इस कदम को अहम माना जा रहा है।
विनय कुमार कौन हैं?
विनय कुमार हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में एक असरदार दलित नेता हैं। वह रेणुका असेंबली सीट से लगातार तीसरी बार MLA चुने गए हैं। उन्हें 2022 में असेंबली का डिप्टी स्पीकर बनाया गया था। उन्होंने हाल ही में अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था, जिसे असेंबली स्पीकर कुलदीप पठानिया ने मंज़ूर कर लिया था।
यह कदम उनके राज्य प्रेसिडेंट बनने के प्रोसेस का हिस्सा माना जा रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पहले ही पार्टी प्रेसिडेंट का पद किसी दलित नेता को देने के आइडिया का सपोर्ट कर चुके हैं।
वाइस प्रेसिडेंट का पद खाली, अब इन नामों पर विचार
विनय कुमार के इस्तीफे के बाद विधानसभा के डिप्टी स्पीकर का पद खाली हो गया है। इस पद के लिए कई नामों पर चर्चा हो रही है, जिनमें सुरेश कुमार (भोरंज), आशीष बुटेल (पालमपुर) और केडी सुल्तानपुरी (कसौली) शामिल हैं। इनमें से किसी एक की नियुक्ति जल्द हो सकती है।
एक साल पहले सभी स्टेट यूनिट्स भंग कर दी गई थीं
हिमाचल कांग्रेस में यह बड़ा बदलाव पिछले साल 6 नवंबर को हुई ऑर्गेनाइजेशनल रीस्ट्रक्चरिंग प्रोसेस का हिस्सा है। उस समय पार्टी की टॉप लीडरशिप ने स्टेट, डिस्ट्रिक्ट और ब्लॉक एग्जीक्यूटिव कमेटियों को भंग कर दिया था। यह फैसला उस समय की स्टेट प्रेसिडेंट प्रतिभा सिंह के प्रपोजल पर लिया गया था। मल्लिकार्जुन खड़गे की मंजूरी के बाद केसी वेणुगोपाल ने ऑफिशियल लेटर जारी किया। प्रतिभा सिंह को अगले ऑर्डर तक पद पर बने रहने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन तब से स्टेट प्रेसिडेंट का पद खाली है। संगठन को फिर से बनाने की कोशिश
कांग्रेस का मानना है कि नए प्रेसिडेंट विनय कुमार की लीडरशिप में संगठन ज़मीनी लेवल पर मज़बूत होगा, वर्कर्स में नई जान आएगी, और आने वाली चुनावी चुनौतियों का अच्छे से सामना किया जा सकेगा। पॉलिटिकल एनालिस्ट्स का मानना है कि यह अपॉइंटमेंट दलित कम्युनिटी को लुभाने और पार्टी के सोशल अलाइनमेंट को मज़बूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है।