वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फोन पर बातचीत के दौरान मालदीव के राजनीतिक हालात पर चिंता जतायी. व्हाइट हाउस ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच अफगानिस्तान की स्थिति और हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने पर भी चर्चा हुई.
बता दें कि इस साल ट्रंप और मोदी के बीच फोन पर हुई पहली बातचीत के बारे में व्हाइट हाउस ने कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने मालदीव में राजनीतिक संकट पर चिंता जतायी और लोकतांत्रिक संस्थाओं तथा विधि के शासन का सम्मान करने के महत्व पर जोर दिया.’’ राष्ट्रपति ट्रम्प की दक्षिण एशिया रणनीति की पुष्टि करते हुए उन्होंने अफगानिस्तान की सुरक्षा और स्थिरता के समर्थन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई.
साथ ही दोनों नेताओं ने भारत-प्रशांत क्षेत्र, अफगान युद्ध, मालदीव में चल रहे राजनीतिक संकट, म्यांमार की रोहिंगिया शरणार्थियों की स्थिति और उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम में सुरक्षा पर विचार विमर्श किया. वहीं अमेरिका का मानना है कि यह रोहंगिया शरणार्थियों की वापसी के लिए सही समय नहीं है.
मालदीव की सुप्रीम कोर्ट द्वारा पिछले गुरुवार को विपक्ष के नौ हाई-प्रोफाइल राजनीतिक बंदियों को रिहा करने और उनके खिलाफ चलाये गए मुकदमों को राजनीति से प्रेरित बताये जाने के बाद से ही देश में राजनीतिक संकट के बादल छा गये थे.
घटना के बाद मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानने से इनकार कर दिया, जिसके कारण पूरे देश में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गये.
व्हाइट हाउस के मुताबिक, ट्रम्प और मोदी ने कॉल के दौरान उत्तर कोरिया के परमाणुकरण को सुनिश्चित करने के लिए आगे की रणनीति पर चर्चा की. जून 2017 में प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के बीच व्हाइट हाउस में हुई बैठक के बाद द्विपक्षीय वार्ता की घोषणा हुई थी.