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Titanic जहाज बनाने वाली कंपनी Harland and Wolff शिपयार्ड हुआ बंद, ये है कारण

Titanic जहाज बनाने वाली कंपनी Harland and Wolff शिपयार्ड हुआ बंद, ये है कारण

 

टाइटैनिक जहाज बनाने वाली 158 साल पुरानी कंपनी Harland and Wolff शिपयार्ड बंद होने जा रही है। करीब 100 साल पहले इस कंपनी में 35 हजार लोग काम करते थे। लगातार घाटे के कारण कंपनी दिवालिया हो गई। बंद होने के समय इस कंपनी में महज 123 लोग बचे थे। कंपनी ने टाइटैनिक जहाज 1909 से 1911 के बीच बनाया था। इसे उत्तरी आयरलैंड के बेलफास्ट में 31 मार्च, 1911 को लॉन्च किया गया था।

कंपनी ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान लगभग 150 से ज्यादा युद्धपोत भी बनाए थे। 1945 के बाद से कंपनी जहाज निर्माण से दूर होते चली गई। बंद होने से पहले यह कंपनी पनबिजली और समुद्री इंजीनियरिंग परियोजनाओं पर काम कर रही थी।

हार्लेंड एंड वोल्फ कंपनी अप्रैल 1912 को तब चर्चा में आई जब उसका बनाया विशाल जहाज टाइटैनिक अपनी पहली यात्रा में आइसबर्ग से टकराकर समुद्र में समा गया। समुद्री इतिहास की सबसे भीषण दुर्घटना में 1,517 लोग मारे गए थे। जहाज साउथेम्प्टन बंदरगाह से न्यूयॉर्क के लिए रवाना हुआ था।

टाइटैनिक उस समय के सबसे अनुभवी इंजीनियरों के द्वारा डिजाइन किया गया था और इसके निर्माण में उस समय में उपलब्ध आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल किया गया था। टाइटैनिक शिप में भाप निकलने के लिए 4 स्मोकस्टेक्स लगे हुए थे। ये टाइटैनिक की तस्वीरों का अभिन्न हिस्सा रहे हैं, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि उनमें से एक स्मोकस्टेक महज डेकोरेटिव पीस था, वह काम नहीं करता था। उसे सजावट के लिए लगाया गया था।

टाइटैनिक में 2,229 लोग सवार थे और लाइफबोट की क्षमता केवल 1,178 लोगों की थी। कारण यह था कि उस समय लागू नियमों के अनुसार लाइफबोट की कुल क्षमता पोत के टन भार पर निर्भर थी, यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की संख्या पर नहीं। एक नाव के बिना, केवल एक लाइफबोट में यह जीवित रहने के लिए असंभव था।

 


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