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सैन्य मदद बहाल करने के लिए पाक को अपनानी पड़ेगी अमेरिका की यह शर्त

सैन्य मदद बहाल करने के लिए पाक को अपनानी पड़ेगी अमेरिका की यह शर्त

 

इस्‍लामाबाद: नए साल की शुरुआत पर पाकिस्तान को दी जाने वाली सैन्य मदद रोकने के बाद अब अमेरिका ने इसे बहाल करने के लिए नई शर्त रखी है। अमेरिकी डिफेंस मिनिस्ट्री पेंटागन के प्रवक्ता कर्नल रॉब मैनिंग ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सैन्य मदद को फिर से बहाल करने की शर्तों के बारे में बताया कि 'अगर पाकिस्तान अपनी धरती पर हक्कानी नेटवर्क और तालिबान को पनाह नहीं देता है, तो फिर से सैन्य मदद देने को तैयार है।' बता दें कि इसी साल की शुरुआत में अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 1628 करोड़ रुपए की मदद पर रोक लगा दी है।

बता दें कि अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने प्रवक्ता कर्नल रॉब मैनिंग ने कहा, 'हमारी उम्मीदें स्पष्ट हैं, तालिबान और हक्कानी नेटवर्क को पाकिस्तान की सरजमीं पर पनाह नहीं मिलनी चाहिए.'

साथ ही मैंनिग ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अमेरिका ने पाकिस्तान को साफ तौर से बता दिया है कि वह कौन से ठोस कदम उठा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'आतंकी संगठनों के खिलाफ लड़ाई में हम बिना किसी भेदभाव के पाकिस्तान के साथ खड़े हैं। हम इस बारे में पाकिस्तान सरकार से बातचीत जारी रखेंगे.'

इस बीच ऐसी आशंका जताई जा रही है कि अमेरिका की तरफ से पाकिस्तान की सैन्य मदद रोके जाने के बाद वह इसके जवाब में अफगानिस्तान में तैनात अमेरिकी सैनिकों की रसद आपूर्ति का लाइन रोक सकता है। हालांकि पेंटागन के प्रवक्ता मैनिंग ने इन कयासों को खारिज करते हुए कहा, 'हमें पाकिस्तान की तरफ से ऐसी कार्रवाई का कोई संकेत नहीं दिख रहा है।'

मैनिंग ने इसके साथ ही जोर दिया कि यह सहायता 'हमेशा के लिए नहीं रोकी' गई है और इस राशि को कहीं दूसरी जगह नहीं लगाया जाएगा। अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और दूसरी सैन्य संस्थाओं ने अफगानिस्तान में भारत के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क को शह दे रहा है।


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