Himachal panchayat elections: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में समय पर पंचायत चुनाव कराने की मांग को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सोमवार को मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायमूर्ति जियालाल भारद्वाज की खंडपीठ में सुनवाई हुई। न्यायालय ने राज्य सरकार और राज्य चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर पंचायती राज चुनावों के समय की जानकारी समय पर देने को कहा है। अगली सुनवाई 22 दिसंबर को होगी। सरकार ने न्यायालय को बताया कि चुनाव प्रक्रिया 21 दिसंबर से पहले शुरू हो जाएगी।
जनहित याचिका में क्या?
याचिका में न्यायालय से हस्तक्षेप कर राज्य भर में पंचायत राज चुनाव समय पर कराने का अनुरोध किया गया है। याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार और राज्य चुनाव आयोग ने संविधान के प्रावधानों के अनुसार निर्धारित समय सीमा के भीतर चुनाव कराने की कोई तैयारी नहीं की है। याचिका में संविधान के अनुच्छेद 243E और 243K का हवाला दिया गया है। इन प्रावधानों के तहत, हर पाँच साल में पंचायत चुनाव कराना अनिवार्य है। वर्तमान जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल जनवरी में समाप्त हो रहा है।
राज्य सरकार किसी भी परिस्थिति में चुनाव स्थगित नहीं कर सकती, जब तक कि कोई असाधारण परिस्थिति न हो, जैसे प्राकृतिक आपदा या कानून-व्यवस्था की स्थिति। हिमाचल प्रदेश में पिछले पंचायत चुनाव दिसंबर और जनवरी 2020-2021 में तीन चरणों में हुए थे। जनहित याचिका में आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत चुनाव स्थगित करने की सरकार की मंशा को भी चुनौती दी गई है। 8 अक्टूबर को मुख्य सचिव ने आपदा प्रबंधन अधिनियम का हवाला देते हुए कहा था कि स्थिति सामान्य होने के बाद चुनाव कराए जाएँगे।