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विदेश मुद्रा की भारी तंगी के दौर से गुजर रहे पाकिस्तान ने मांगी चीन से मदद

विदेश मुद्रा की भारी तंगी के दौर से गुजर रहे पाकिस्तान ने मांगी चीन से मदद

 

शुक्रवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान बीजिंग पहुंचे जहां चीन के 'ग्रेट हॉल आफ पीपुल' में उनकी मुलाकात राष्ट्रपति शी चिनफिंग से हुई. दोनों नेताओं के बीच अकेले में और प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत हुई. इसके साथ ही आपको बता दें कि पांच नवंबर को इमरान खान शंघाई में आयोजित चीन के अंतरराष्ट्रीय आयात एक्सपो में भी जाएंगे.

 

विदेश मुद्रा की भारी तंगी के दौर से गुजर रहे पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने राहत पैकेज देने के लिए कड़ी शर्तें रखी गई हैं इसलिए पाकिस्तान चाहता है कि चीन उसकी मदद करें ताकि उसे आईएमएफ से कम से कम मदद लेनी पड़े.
 

इस दौरान इमरान खान ने शी चिनफिंग से कहा, 'पाकिस्तान सरकार के समक्ष बहुत कठिन आर्थिक स्थिति बनी हुई है.' उन्होंने कहा, 'बदकिस्मती से हमारा देश इस समय दो बड़े घाटे के साथ काफी कमजोर स्थिति से गुजर रहा है. पाकिस्तान को राजकोषीय घाटा और चालू खाते के घाटे का सामना करना पड़ रहा है.'


वहीं शी का कहना था कि चीन पाकिस्तान के साथ अपने रिश्ते को 'राजनयिक रूप से प्राथमिकता' देता है. शी ने कहा, 'चीन हमेशा से ही पाकिस्तान को अपनी राजनयिक प्राथमिकता में मानता है और पाकिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता, राष्ट्रीय स्वतंत्रता की सुरक्षा का समर्थन करता है. पाकिस्तान की नई सरकार द्वारा सामान्य ढंग से राजकाज चलाने और राष्ट्र निर्माण के प्रयासों का भी समर्थन करता है.'

 

सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान को चीन से छह अरब डालर का आर्थिक पैकेज मिलने की उम्मीद है. इसके साथ डेढ़ अरब डालर के कर्ज की पेशकश और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के लिए तीन अरब डॉलर का अतिरिक्त पैकेज दिया जाएगा.

 

 

 


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