जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान को एक बार फिर नाकामी हाथ लगी है। पाकिस्तान का समर्थन करते हुए चीन ने कश्मीर मसले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अन्य देशों का समर्थन पाने की कोशिश की लेकिन बात नहीं बनी। अन्य देशों ने कहा कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मुद्दा है। परिषद के अन्य सभी सदस्य देशों ने इसका विरोध किया। UNSC के सदस्य देशों ने कहा कि इस मुद्दे पर बहस के लिए यह सही जगह नहीं है।
फ्रांस की ओर से भी इसका विरोध किया गया। फ्रांस ने जम्मू-कश्मीर को भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मुद्दा बताते हुए इस पर चर्चा का विरोध किया। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, हमने एक बार फिर देखा कि पाकिस्तान ने ये मुद्दा उठाने की कोशिश की, जिसे किसी का भी समर्थन नहीं मिला, हमें खुशी है कि इस मामले में पाकिस्तान के किसी बेबुनियाद आरोप को UN ने चर्चा के लायक नहीं समझा।
Syed Akbaruddin: We are happy that neither the alarming scenario painted by the representatives of Pakistan nor any of the baseless allegations made repeatedly by various representatives of Pakistan in UN fora were found to be credible. https://t.co/VtMIObOmCB
— ANI (@ANI) January 16, 2020
चीनी राजदूत झांग जुन ने कहा, हमने जम्मू-कश्मीर को लेकर बैठक की थी. मुझे पूरा यकीन है कि आप सब लोगों को पता होगा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने सुरक्षा परिषद को चिट्ठी लिख कहा है कि उन्हें जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालातों पर गौर करना चाहिए। मुझे लगता है कि इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच बातचीत के जरिए सकारात्मक नतीजे आ सकते हैं। बातचीत मददगार होगी और इससे सब हल हो सकता है।
बता दे कि हाल ही में UN की बैठक में पाकिस्तान ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 खत्म किए जाने के बाद वहां के हालात सामान्य नहीं हैं। स्थानीय नेताओं को उनके घरों में कैद किया गया है। इंटरनेट समेत कई सेवाएं अभी भी बंद हैं। भारत कई सार्वजनिक मंचों से घाटी के हालात सामान्य बता रहा है। पाकिस्तान को जवाब देते हुए सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, दुनिया आपके झूठ से तंग आ चुकी है। सब आपका सच जानते हैं और अब हमारे खिलाफ झूठ फैलाना बंद करें। कोई भी आपकी बात मानने को तैयार नहीं है।
यह भी पढ़ें- Amazon के सीईओ जेफ बेजोस का ऐलान, कंपनी 2025 तक करेगी 10 अरब डॉलर की वस्तुओं का निर्यात