अमेरिका अतंरिक्ष एजेंसी ‘नासा’ का मार्स पर्सिवरेंस रोवर को जेजेरो क्रेटर में 18 फरवीर की रात करीब 2.30 बजे मंगल ग्रह पर सफलतापूर्वक लैंड कराया गया है। इसी के साथ अमेरिका मंगल ग्रह पर सबसे ज्यादा रोवर भेजने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। इस रोवर को मंगल ग्रह पर भेजने का मकसद है प्राचीन जीवन का पता लगाना। इसके अलावा मिट्टी और पत्थरों का सैंपल लेकर धरती पर वापस आना।
खबरों की माने तो जेजेरो क्रेटर मंगल ग्रह का अत्यंत दुर्गम इलाका है। जेजेरो क्रेटर में गहरी घाटियां, तीखे पहाड़, नुकीले क्लिफ, रेत के टीले और पत्थरों का समुद्र है। ऐसे में पर्सिवरेंस मार्स रोवर की लैंडिंग की सफलता पर पूरे समय दुनिया भर के साइंटिस्ट्स की निगाहें टिकी हुई थीं।
बता दे कि नासा ने पहले ही कहा था कि ये अब तक की सबसे सटीक लैंडिंग होगी। ऐसा माना जाता है कि जेजेरो क्रेटर में पहले नदी बहती थी। जो कि एक झील में जाकर मिलती थी। इसके बाद वहां पर पंखे के आकार का डेल्टा बन गया। हो सकता है कि वहां पर जीवन के संकेत मिलें।
मंगल ग्रह के वायुमंडल में पर्सिवरेंस रोवर की एंट्री को लेकर नासा के वैज्ञानिकों के लिए दूसरी सबसे बड़ी चिंता की बात थी। पर्सिवरेंस रोवर का डिसेंट और लैंडिंग में करीब 7 मिनट का समय लगा। इन सात मिनटों तक नासा के साइंटिस्ट्स की सांसें धीमी चल रही थीं क्योंकि मंगल ग्रह पर पर्सिवरेंस की लैंडिंग की हर जानकारी धरती पर वैज्ञानिकों को 11 मिनट 22 सेकेंड के बाद मिल रही थी।
It’s go time. The team is watching from Mission Control at @NASAJPL. Join LIVE for the final #CountdownToMars. Touchdown in just over 90 mins: https://t.co/4oCQB6bBcz
— NASA's Perseverance Mars Rover (@NASAPersevere) February 18, 2021