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जानें कैसे मौत के 24 घंटे बाद जिंदा हो गया ‘रूसी पत्रकार’

जानें कैसे मौत के 24 घंटे बाद जिंदा हो गया ‘रूसी पत्रकार’

 

कीव: यूक्रेन की राजधानी में जिस रूसी पत्रकार की हत्या की खबरों ने सुर्खियां बनाई थीं, वह जिंदा हैं और बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में नजर आए। दरअसल, मंगलवार को ऐसी खबरें आई थीं कि विपक्षी मीडिया के लिए काम करने वाले एक रूसी पत्रकार अरकाडी बाबचेंको की कीव में गोली मारकर हत्या कर दी गई।

मंगलवार को आई इस ख़बर के मुताबिक बाबचेंको की पत्नी ने गोली चलने की आवाज़ सुनी और जब वो बाहर आईं तो अपने पति को ख़ून में लथपथ पाया। उनका कहना था कि बाबचेंको की पीठ पर गोलियां लगी थीं और अस्पताल ले जाते वक्त उनकी मौत हो गई। 

 

यूक्रेन ने इस हत्या के पीछे रूस का हाथ होने की आशंका जताई थी और कहा था कि इस पूरे मामले में 'रूसी पैटर्न' दिख रहा है। ये सारे दावे उस वक़्त झूठे साबित हो गए हत्या की ख़बर के 24 घंटे बाद बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में बाबचेंको सबके सामने आ गए।

अब यूक्रेन का कहना है कि उसे रूसी एजेंटों का भंडाफोड़ करने के लिए बाबचेंको की हत्या की झूठी ख़बर फैलानी पड़ी।

बता दें कि पत्रकार अरकाडी बाबचेंको 2017 में रूस से भाग कर यूक्रने आ गए थे। वो रूसी सरकार के खिलाफ खबरें लिखते रहते थे। वो राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आलोचक रहे हैं और उन्होंने एक साल पहले अपनी जान पर ख़तरा बताते हुए रूस छोड़ दिया था। बाबचेंको का कहना है कि रूस ने उनको मारने का प्लान बनाया। कहा गया कि रूस ने एक यूक्रेन के ही नागरिक को पत्रकार अरकाडी बाबचेंको को मारने के लिए चालीस हज़ार डॉलर दिए थे। इस बात की भनक यूक्रेन की सुरक्षा एजेंसियों को लग गई। लिहाजा उन्हें बचाने के लिए एक प्लान तैयार किया गया। यूक्रेन सेक्युरिटी सर्विस के प्रमुख वासिल गरित्साक ने बुधवार को बताया कि एक स्पेशल ऑपरेशन के तहत इस पत्रकार के मौत की झूठी खबर फैलाई गई।

तो वहीं रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जैकरेवा ने इस पूरे घटनाक्रम को प्रोपेगैंडा फैलाने वाला नाटक बताया है. उन्होंने कहा कि उन्हें बाबचेंको के ज़िंदा होने की ख़ुशी है. वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति पेत्रो पोरोशेंको ने कहा है कि वो बाबचेंको और उनके परिवार को सुरक्षा देने के लिए तैयार हैं.


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