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जानिए क्यों मनाया जाता है लोहड़ी त्यौहार और क्या है इसके पीछे की मान्याता…

जानिए क्यों मनाया जाता है लोहड़ी त्यौहार और क्या है इसके पीछे की मान्याता…

 

लोहड़ी का पर्व साल का पहला त्यौहार है। जो खासतौर पर पंजाबी समुदाय के लोग मनाते है। यह त्यौहार खासतौर पर किसानों से जुड़ा हुआ है, जो फसलों की कटाई से लेकर नई फसल की बुवाई के लिए मनाया जाता है। पंजाब में लोहड़ी का पर्व नए वित्तिए वर्ष के रुप में देखा जाता है।

लोहड़ी की पूजा करने के लिए लोग घर के बाहर या किसी खुली जगह पर आग जलाते है। घर के सभी सदस्य आग में मूंगफली, गजक, रेवड़ी, तिल डालते है और इसके चारों और घुमते है। इस आग में नए फसलों को भी अर्पित किया जाता है।

इसके बाद सभी सुख-समृद्धि की कामना भी करते हैं। लोहड़ी को पहले के समय में 'तिलोड़ी' कहा जाता था। यह शब्द तिल तथा रोड़ी शब्दों के मेल से बना है, जो समय के साथ बदल गया और लोहड़ी के रूप में बदल गया। पंजाब के कई इलाकों मे इसे आज भी लोही या लोई कहा जाता है। 

लौहड़ी की पौराणिक मान्यता 

पौराणिक मान्यता के अनुसार सती के त्याग के रूप में यह त्योहार मनाया जाता है। जब प्रजापति दक्ष के यज्ञ की आग में कूदकर शिव की पत्नीं सती ने आत्मदाह कर ली थी। उसी दिन की याद में यह पर्व मनाया जाता है। कहा जाता है कि संत कबीर की पत्नी लोई की याद में यह त्यौहर मनाया जाता है। एक अन्य मान्यता के अनुसार सुंदरी एवं मुंदरी नाम की लड़कियों को राजा से बचाकर एक दुल्ला भट्टी नामक डाकू ने किसी अच्छे लड़कों से उनकी शा‍दी करवा दी थी।


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