Depression And Sadness: आजकल की बदलती जीवनशैली के कारण लोगों में छोटी मोटी बातों को लेकर तनाव बन जाता है। जिसे अक्सर लोग उसे डिप्रेशन का नाम दे देते है। डिप्रेशन की शुरुआत भले ही उदासी से होती हो लेकिन उदासी और डिप्रेशन में एक बड़ा अंतर है। अगर आप किसी बात को लेकर उदास हैं जो कुछ समय के बाद वह ठीक हो जाएगा लेकिन डिप्रेशन में नहीं। जी हां, आज कल सभी के जीवन में इतने उतार चढ़ाव है कि लोग स्ट्रेस और डिप्रेशन में अंतर ही नहीं समझ पाते। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे है स्ट्रेस और डिप्रेशन के बीच कितना और क्या अंतर होता है। तो आइए जानते है...
उदासी
उदासी एक सामान्य भावना होती है। उदास रहने वाले लोग सामान्य तौर पर रो देते है। रोने से व्यक्ति का दुख कुछ हद तक कम हो जाता है। एक समय के बाद उदासी खत्म हो जाती है और अगर ऐसा नहीं हो रहा तो यह डिप्रेशन का संकेत है।
डिप्रेशन
डिप्रेशन एक मानसिक समस्यां है, जिससे लोगों के व्यवहार में बदलाव देखने को मिलता है। ये जीवन के कई हिस्सों पर गहरा प्रभाव डालती है। यह सम्यायं किसी भी उम्र के लोगों में हो सकती।
कुछ लक्षणों से पहचानें ये उदासी नहीं डिप्रेशन है...
- निराशा की भावना
- उदासी
- उम्मीद न होना
- प्रेरणा की कमी
- किसी भी तरह के कामों में मन न लगना
- इंटरेस्ट खत्म होना
ऐसे करें डिप्रेशन का इलाज
- मेडिडेशन
- साइकोथेरेपी
- काउंसिलिंग
- डिप्रेशन को दूर करने के लिए अच्छे साइकैटरिस्ट से परामर्श ज़रूर लेना चाहिए।
- डिप्ररेशन में अकेला ना रहें , दोस्तों के साथ बहार जाएँ, लोगों से मिले जुले, गपशप करें।
- अपने आप को कामों में व्यस्त रखें।
- योग का लें सहारा।