हरियाणा के शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में दस साल की सजा काटने के बाद इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला शुक्रवार को तिहाड़ जेल से रिहा हो गए हैं। ओपी चौटाला के रिहा होने बाद दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर इनेलो के कार्यकर्ताओं ने फूल बरसाकर और ढोल-नगाड़े बजाकर उनका स्वागत किया। इस दौरान हरियाणा के पूर्व सीएम ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा कि वह किसानों और गरीबों के लिए लड़ते रहेंगे।
बता दें कि ओमप्रकाश चौटाला पैरोल पर रिहा थे और शुक्रवार को वह औपचारिकताएं पूरी करने के लिए तिहाड़ जेल पहुंचे थे, जिसके बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। बता दें कि जूनियर बेसिक शिक्षकों की गैर कानूनी तरीके से भर्ती मामले में दोषी ठहराते हुए ओपी चौटाला उनके बेटे अजय चौटाला और 53 अन्य लोगों को वर्ष 2000 में सजा सुनाई गई थी। जनवरी 2013 में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत द्वारा इन सभी को अलग-अलग अवधि की सजा सुनाई गई।
वही, ओपी चौटाला को शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में 2013 में जेल की सजा हुई थी। जिसके बाद कोविड-19 महामारी के कारण वह 26 मार्च 2020 से आपात पैरोल पर थे और उन्हें 21 फरवरी 2021 को आत्मसमर्पण करना था। एक वरिष्ठ जेल अधिकारी ने पूर्व में बताया था कि हाई कोर्ट ने चौटाला की पैरोल बढ़ा दी थी। जेल से रिहाई के बाद ओपी चौटाला को उनके पोते करण चौटाला उनके गुरुग्राम स्थित आवास पर ले गए। गुरुग्राम सीमा पर चौटाला की कार के पहुंचने पर आईएनएलडी के कार्यकर्ताओं ने फूल बरसाकर उनका स्वागत किया और ढोल की थाप पर डांस किया और मिठाइयां बांटी। हरियाणा के विभिन्न इलाकों में इनेलो के कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया।
कार्यकर्ताओं के साथ संक्षिप्त बातचीत में पूर्व सीएम ने कहा कि वह किसानों और गरीबों के लिए लड़ते रहेंगे। वहीं, ओपी चौटाला के स्वागत के लिए जमा हुए पार्टी नेताओं ने कहा कि वह जल्द ही दिल्ली की सीमाओं के पास केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन स्थल का दौरा करेंगे। इस दौरान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी ने कहा कि ओपी चौटाला की रिहाई से कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार हुआ है।
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