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भारत, ईरान को कच्चे तेल का भुगतान अब रुपये में करेगा

भारत, ईरान को कच्चे तेल का भुगतान अब रुपये में करेगा

 

भारत ने ईरान से कच्चा तेल (क्रूड ऑयल) खरीदने के लिए अपने विदेशी मुद्रा भंडार से डॉलर निकालने के बजाय रुपया आधारित भुगतान तंत्र का उपयोग करेगा. दोनों देशों के बीच इसे लेकर हुई चर्चा से जुड़े पेट्रोलियम उद्योग के एक सूत्र ने बृहस्पतिवार को बताया कि नई दिल्ली इस भुगतान में से करीब 50 फीसदी रुपये के बदले तेहरान को आवश्यक वस्तुओं का निर्यात करेगा. ईरान तेल के बदले रुपये में भुगतान लेने पर सहमति जताने वाला दूसरा देश बन गया है. दो दिन पहले संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ भी भारत रुपये में भुगतान लेने के सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कर चुका है.

सूत्रों ने बताया कि भारतीय रिफाइनरी कंपनियां, नेशनल ईरानियन आॅयल कंपनी (एनआईओसी) के यूको बैंक खाते में रुपये में भुगतान करेंगी. सूत्रों ने कहा कि इसमें से आधी राशि ईरान को भारत द्वारा किये गये वस्तुओं के निर्यात के भुगतान के निपटान को रखी जायेगी. अमेरिकी प्रतिबंधों के तहत भारत द्वारा ईरान को खाद्यान्न, दवाओं और चिकित्सा उपकरणों का निर्यात किया जा सकता है. भारत को अमेरिका से यह छूट आयात घटाने तथा एस्क्रो भुगतान के बाद मिली है. इस 180 दिन की छूट के दौरान भारत प्रतिदिन ईरान से अधिकतम तीन लाख बैरल कच्चे तेल का आयात कर सकेगा. इस साल भारत का ईरान से कच्चे तेल का औसत आयात 5,60,000 बैरल प्रतिदिन रहा है.

सूत्रों ने कहा कि भारत, ईरान के तेल का चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा खरीदार है. अब ईरान से भारत मासिक आधार पर 12.5 लाख टन या डेढ़ करोड़ टन सालाना या तीन लाख बैरल प्रतिदिन की कच्चे तेल की ही खरीद कर सकता है. वित्त वर्ष 2017-18 में भारत ने ईरान से 2.26 करोड़ टन या 4,52,000 बैरल प्रतिदिन की तेल की खरीद की थी.


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