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नागरिकता संशोधन विधेयक पर भारत ने अमेरिकी संस्थाओं की टिप्पणियों को गलत और गैर जरूरी बताया

नागरिकता संशोधन विधेयक पर भारत ने अमेरिकी संस्थाओं की टिप्पणियों को गलत और गैर जरूरी बताया

 

भारत ने नागरिता संशोधन विधेयक 2019 को लेकर अमेरिका की कुछ संस्थाओं की तरफ से आई टिप्पणियों को गलत और गैर जरूरी करार दिया है। इतना ही नहीं अमेरिका के धार्मिक स्वतंत्रता आयोग की तरफ नए नागरिकता अधिनियम की आलोचना करते हुए आए बयान को भारत ने USCIRF के भारत के प्रति पुराने दुराग्रह का नतीजा करार दिया।

विदेश मंत्रालय प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि नया नागरिकता संशोधन विधेयक उन लोगों को भारत की नागरिकता हासिल करने का अधिकार देता है जो धार्मिक रूप से प्रताड़ित होकर आए हैं और बीते काफी समय से देश में रह रहे हैं। जो लोग धार्मिक स्वतंत्रता की बात करते हैं उन्हें इस तरह के प्रावधानों का स्वागत और समर्थन करना चाहिए।

विदेशों से आए आलोचना के सुरों पर दिए स्पष्टीकरण में विदेश मंत्रालय प्रवक्ता ने कहा कि नया नागरिकता संशोधन विधेयक न तो मौजूदा नागरिकों की नागरिकता खत्म करता है और न ही किसी भी धर्म मतावलंबी के लिए नागरिकता हासिल करने के दरवाजे बंद करता है। रवीश कुमार ने कहा कि अमेरिका समेत सभी देश अपनी-अपनी नीतियों के आधार पर ही नागरिकता देने और न देने का फैसला करते हैं।

 


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