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हिमाचल किसानों को पंजाब में धान बेचना पड़ा भारी, पंजाब पुलिस ने ट्रैक्टर-ट्रालियों को किया सीज

हिमाचल किसानों को पंजाब में धान बेचना पड़ा भारी, पंजाब पुलिस ने ट्रैक्टर-ट्रालियों को किया सीज

 

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के किसानों को पंजाब में धान बेचना महंगा पड़ गया। धान लेकर प्रदेश के किसानों (Farmer) की ट्रैक्टर-ट्राली जैसे ही पंजाब कृषि मंडी पहुंची तो किसानों के ट्रैक्टर सीज (Tractor Seize) कर मामले दर्ज कर दिए गए। पंजाब सरकार (Punjab Government) ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बाहरी राज्यों के लिए धान बेचने पर पाबंदी लगा दी है। जानकारी के मुताबिक दभोटा गांव के रणजीत सिंह और दुगरी गांव के लखविंद्र और बलविंद्र तीन ट्रैक्टर ट्रालियां में धान लोडकर पंजाब की भरतगढ़ अनाज मंडी पहुंचे। जैसे ही सूबे के किसानों का धान वहां पहुंचा, आढ़तियों ने भरतगढ़ पुलिस को बुलाकर किसानों के ट्रैक्टर सीज कर उनके खिलाफ धान बेचने के आरोप में मामला दर्ज कर लिया।

किसानों ने बताया कि उनकी पंजाब में जमीन है और वह उसी जमीन का धान लेकर मंडी गए थे, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। 15 दिन से किसानों की धान की फसल खेतों में पड़े-पड़े खराब होने लगी है। ढेर में रखे धान का रंग काला पड़ गया है। प्रदेश में न तो खरीद केंद्र है और न खरीदार, जबकि पंजाब में फसल बेचने जाओं तो उन पर मामले दर्ज हो रहे हैं। उधर, भरतगढ़ के पुलिस चौकी प्रभारी एसआई बलदीप सिंह ने मामला दर्ज होने की पुष्टि की है। 

उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के आदेश हैं कि कोई भी बाहरी राज्य का किसान पंजाब की मंडियों में एमएसपी पर अपना उत्पाद नहीं बेच सकता। पुलिस ने इनके खिलाफ धारा 420 व 120 बी के तहत मामला दर्ज किया है। हिमाचल प्रदेश में किसानों को एमएसपी का लाभ देने के लिए राज्य सरकार भारतीय खाद्य निगम के माध्यम से 15 अक्तूबर से धान की खरीद करने जा रही है। इसको लेकर पांवटा साहिब, ऊना, नालागढ़, रियाली फ तेहपुर, अनाज मंडी फ तेहपुर और इंदौरा के त्यौरा में मंडियां खोली जा रही हैं। सरकारी खरीद ना होने से प्रदेश के किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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