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''पानीपत'' के विरोध में उतरे सांसद से लेकर मंत्री तक, ये है वजह

''पानीपत'' के विरोध में उतरे सांसद से लेकर मंत्री तक, ये है वजह

 

इस शुक्रवार को रिलीज हुई बहुचर्चित फिल्म ''पानीपत' को दर्शकों को मिला-जुला रिएक्शन मिल रहा है। लेकिन अब इस फिल्म के विरोध में मंत्री से लेकर सासंद तक उतर आए हैं। विवाद पानीपत में भरतपुर के पूर्व महराज सूरजमल के किरदार को गलत तौर पर दिखने पर हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री राजे ने ट्वीट के जरिए कहा कि स्वाभिमानी, निष्ठावान और हृदय सम्राट महाराजा सूरजमल का फ़िल्म ‘पानीपत’ में किया गया ग़लत चित्रण निदंनीय है।

राजस्थान के पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने फिल्म 'पानीपत' पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए रविवार को कहा, ‘‘मेरा मानना है कि हरियाणा, राजस्थान और उत्तर भारत के जाट समुदाय में भारी रोष को देखते हुए इस फिल्म पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए, अन्यथा कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है।’’  सिंह ने ट्वीट के जरिए कहा कि यह अत्यंत दुख की बात है कि ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ करते हुए भरतपुर के महाराजा सूरजमल जाट जैसे महान पुरुष का चित्रण ‘पानीपत’ फिल्म में बेहद गलत तरीके से किया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं महाराजा सूरजमल जाट की 14वीं पीढ़ी से हूं। वास्तविकता यह है कि पेशवा और मराठा जब पानीपत युद्ध हारकर और घायल होकर लौट रहे थे तो महाराजा सूरजमल और महारानी किशोरी ने छह माह तक सभी मराठा और पेशवाओं को अपने यहां पनाह दी थी। यहां तक कि खांडेराव होलकर की मृत्यु भी भरतपुर की तत्कालीन राजधानी कुम्हेर में ही हुई और आज भी वहां के गागरसोली गांव में उनकी छतरी बनी हुई है।'’ पर्यटन मंत्री ने कहा कि एक समिति बनाई जानी चाहिए जो यह देखे कि यदि किसी वंश या महान व्यक्ति पर अगर कोई फिल्म बनाई जाती है तो ऐसी फिल्म को रिलीज करने से पहले उसके परिजनों और समाज से अनुमति ली जाए।


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