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तुर्की में समय से पहले हो रहे हैं चुनाव, संपन्न होने के बाद नया संविधान होगा लागू

तुर्की में समय से पहले हो रहे हैं चुनाव, संपन्न होने के बाद नया संविधान होगा लागू

 

तुर्की में चुनाव करने वाली संस्था के प्रमुख ने यह जानकारी दी है कि राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने राष्ट्रपति चुनाव के पहले दौर में ही जीत हासिल कर ली है. तुर्की में राष्ट्रपति और संसदीय चुनाव एकसाथ हुए हैं और अंतिम नतीजे शुक्रवार को घोषित किए जाएंगे. हालांकि अभी तक मुख्य विपक्षी पार्टी ने आधिकारिक रूप से हार स्वीकार नहीं की है. इससे पहले विपक्ष ने कहा था कि अभी बहुत सारे वोटों की गिनती बाकी है और नतीजे कुछ भी रहें, वे लोकतंत्र के लिए लड़ाई लड़ते रहेंगे.

 

सरकारी मीडिया के मुताबिक, ज़्यादातर वोटों की गिनती हो चुकी है और अर्दोआन को 53% जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी मुहर्रम इंचे को 31% वोट मिले हैं.

 

बता दें राष्ट्रपति अर्दोआन ने इस बार समय से पहले चुनाव करवाए हैं और चुनाव संपन्न होने के बाद तुर्की में नया संविधान लागू हो जाएगा, जिससे राष्ट्रपति की शक्तियां बढ़ जाएंगी. इस मामले में आलोचकों का कहना है कि इससे तुर्की में लोकतंत्र कमज़ोर होगा. ये चुनाव नवंबर 2019 में होने थे लेकिन अर्दोआन ने अचानक समय से पहले चुनाव कराने की घोषणा कर दी थी. अपना वोट डालने के बाद अर्दोआन ने पत्रकारों से कहा था, "इन चुनावों में तुर्की एक लोकतांत्रिक क्रांति से गुज़र रहा है."

 

अर्दोआन और उनके मुख्य प्रतिद्वंदी मुहर्रम इंचे ने शनिवार को बड़ी रैलियां की थीं जिसमें दोनों ही नेताओं ने एक दूसरे को तुर्की पर शासन करने के लिए अनुपयुक्त बताया था.

 

शनिवार को इंस्ताबुल में करीब दस लाख लोगों की रैली को संबोधित करते हुए इंचे ने कहा था, "अगर अर्दोआन जीत गए तो आपके फ़ोन टैप किए जाएंगे, ख़ौफ़ का शासन होगा. वे तानाशाही की ओर बढ़ रहे हैं." साथ ही उन्होंने कहा कि अगर मैं जीता तो तुर्की में अदालतें स्वतंत्र होंगी और इंचे ने चुनाव जीतने की स्थिति में 48 घंटों के भीतर आपातकाल समाप्त करने का वादा भी किया था.

 

वहीं अपनी चुनावी रैली में अर्दोआन ने अपने समर्थकों से पूछा था, "क्या कल हम उन्हें उस्मानी थप्पड़ जड़ने वाले हैं." बता दें उस्मानी थप्पड़ तुर्की में इस्तेमाल किया जाने वाला एक मुहावरा है जिसका मतलब होता है कि एक ही थप्पड़ में विरोधी को चित कर देना.

 

अर्दोआन 2014 में तुर्की का राष्ट्रपति बनने से पहले 11 साल तक तुर्की के प्रधानमंत्री रहे हैं. उन्होंने पूर्व शिक्षक और 16 सालों से सांसद मुहर्रम इंचे पर अनुभवहीन होने के आरोप लगाते हुए कहा कि, "भौतिकी का शिक्षक होना अलग बात है और देश चलाना बिल्कुल अलग बात. राष्ट्रपति होने के लिए अनुभव भी होना चाहिए."

 

आधुनिक तुर्की के संस्थापक कमाल अतातुर्क के बाद से अर्दोआन तुर्की के सबसे ताक़तवर नेता हैं. यदि वो ये चुनाव जीत जाते हैं तो वो और ताकतवर हो जाएंगे. प्रधानमंत्री का पद समाप्त हो जाएगा और संसद राष्ट्रपति के सामने और कमज़ोर हो जाएगी. लेकिन यदि राष्ट्रपति चुनावों में अर्दोआन 50 फ़ीसदी मत नहीं मिलते तो उन्हें संभवत मुहर्रम इंचे से दोबारा सीधे मुक़ाबला करना होगा.

 

तुर्की के लोगों ने राष्ट्रपति चुनने के अलावा देश के सांसद चुनने के लिए भी मतदान किया है. इन चुनावों में करीब छह करोड़ तुर्क नागरिक वोट डालने के हकदार हैं. राष्ट्रपति पद के लिए छह उम्मीदवार मैदान में थे. किसी भी एक उम्मीदवार को आधे से ज़्यादा वोट मिलने पर वह सीधा राष्ट्रपति बन जाएगा. यदि किसी को पचास फीसदी मत नहीं मिले तो सबसे ज़्यादा मत पाने वाले दो उम्मीदवारों के बीच फिर से सीधा मुकाबला होगा.

 


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