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ब्लास्ट से पहले आतंकी मुजम्मिल को मिले थे 42 वीडियो, उनमें क्या था? जांच में खुला बड़ा राज 

ब्लास्ट से पहले आतंकी मुजम्मिल को मिले थे 42 वीडियो, उनमें क्या था? जांच में खुला बड़ा राज 

 

Delhi Blast Case: दिल्ली लाल किला कार ब्लास्ट केस में एक नया खुलासा हुआ है। फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी से गिरफ्तार हुए आतंकी डॉ. मुजम्मिल को विदेश से बम बनाने के वीडियो मिले थे। उसके विदेशी हैंडलर ने एक एन्क्रिप्टेड ऐप के ज़रिए आतंकी डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई को बम बनाने के 42 वीडियो भेजे थे। गौरतलब है कि आतंकी डॉ. मुजम्मिल अभी NIA की कस्टडी में है। वह लाल किले के आतंकी उमर नबी का साथी और सहकर्मी था। 10 नवंबर को डॉ. उमर ने लाल किले के पास एक कार में धमाका किया था। उसने कार के अंदर अमोनियम नाइट्रेट एक्सप्लोसिव से खुद को उड़ा लिया था। उस आतंकी हमले में कम से कम 14 लोगों की जान चली गई थी।

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल में गिरफ्तार डॉक्टरों में मुजम्मिल अकेला ऐसा है जिसे अपने विदेशी हैंडलर से एक या दो नहीं, बल्कि 42 वीडियो मिले थे। इन वीडियो ने उसे बम बनाना सिखाया था। सूत्रों के मुताबिक, सिक्योरिटी एजेंसियां ​​अब हैंडलर्स की भूमिका और पहचान की जांच कर रही हैं, क्योंकि उनका हाल के दिनों में भारत में हुए इसी तरह के डू-इट-योरसेल्फ (DIY) बम धमाकों से कोई कनेक्शन नहीं है।

वह विदेशी हैंडलर कौन है?

जांच एजेंसी के सूत्रों का कहना है कि दिल्ली ब्लास्ट में तीन विदेशी हैंडलर्स के नाम सामने आए हैं। तीनों हैंडलर्स की पहचान 'हंजुल्लाह', 'निसार' और 'उकासा' के तौर पर हुई है। सूत्रों का कहना है कि ये कोड नेम या नकली नाम हो सकते हैं, न कि विदेशी हैंडलर्स की असली पहचान। सूत्रों का कहना है कि हंजुल्लाह ही वह व्यक्ति है जिसने आतंकवादी डॉ. मुजम्मिल को बम बनाने के 42 वीडियो भेजे थे। मुजम्मिल पर आतंकवादी मॉड्यूल में इस्तेमाल होने वाले विस्फोटकों के स्टोरेज का इंतज़ाम करने का आरोप है।

कमरा नंबर 13 और 4 की कहानी

हाल ही में, सूत्रों ने कहा कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग 17 आतंकवादियों के मिलने की जगह थी। दिल्ली बम धमाकों की साज़िश बिल्डिंग 17 के दो कमरों में रची गई थी। सूत्रों के मुताबिक, अल-फलाह यूनिवर्सिटी का कमरा 13 पुलवामा के डॉ. मुज़म्मिल अहमद गनई का था। वह वहां दूसरे आतंकी डॉक्टरों के साथ सीक्रेट मीटिंग करता था। डॉ. उमर का कमरा नंबर 4 अल-फलाह यूनिवर्सिटी कैंपस के अंदर था। वहां भी आतंकी मीटिंग करते थे। यूनिवर्सिटी लैब से केमिकल को यूनिवर्सिटी के बाहर मुज़म्मिल के कमरे तक कैसे पहुंचाया जाए, यह कमरा 13 में तय होता था। मुज़म्मिल ने कुछ ही मिनट की दूरी पर अपना ठिकाना बनाया था, जहां से विस्फोटक और हथियार बरामद हुए थे।

मुज़म्मिल के कमरे में क्या मिला था?

फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल केस में आतंकी डॉ. मुज़म्मिल गनई को दिल्ली कार बम धमाकों से कुछ दिन पहले गिरफ्तार किया गया था। उसके ठिकानों से 350 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट समेत 2,500 किलोग्राम से ज़्यादा विस्फोटक बरामद हुए थे। सूत्रों से पता चला है कि मोहम्मद शाहिद फैसल एक विदेशी हैंडलर है। वह कर्नल, लैपटॉप भाई और भाई जैसे कई उपनामों का इस्तेमाल करता है। माना जाता है कि उसने 2020 से बम धमाके करने के लिए कर्नाटक और तमिलनाडु में आतंकवादी मॉड्यूल के साथ तालमेल किया है। इस मामले में उसे एक आतंकवादी संदिग्ध के तौर पर भी नामजद किया गया है।


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