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आखिर Chicken Pox को क्यों बुलाते हैं माता. जानें इसके पीछे की वजह

आखिर Chicken Pox को क्यों बुलाते हैं माता. जानें इसके पीछे की वजह

 

रोजाना हम कई सारे शब्द ऐसे सुनते है। जिन्हे हम बोलते तो हैं लेकिन इसके पीछे की वजह हमें पता नहीं होती है। आज हम आपके लिए ऐसे ही एक अनोखे शब्द की कहानी लेकर आए हैं। जिसके बारे में जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे। भारत समेत पूरी दुनिया में ऐसे कई देश है, जहां तरह-तरह की कई मान्यताएं हैं। यह मान्यताएं कई सालों या कहें की कई सदियों से चली आ रही है। जिनके बारे में किसी को नहीं पता कि उनकी उत्पत्ति कैसे हुई। 

आपको बता दें कि सिर्फ मान्यताएं ही नहीं बल्कि कुछ बीमारियां भी ऐसी है जिसे लोग अंधविश्वाश से जोड़कर देखते है। जैसे चिकेन पॉक्स (Chicken Pox) या चेचक। इनके बारे में कौन नहीं जानता। भारत में इसे ‘माता’ (Mata) कहकर बुलाते हैं। लेकिन क्या आप इसके पीछे का कारण जानते है कि आखिर चिकन पॉक्स को भारत में माता क्यों कहा जाता है। चलिए इसके पीछे के कारण को जानते है…. 

क्या है चिकन पॉक्स
आपको बता दें कि वेरीसेल्ला जोस्टर वायरस से फैलने वाली एक संक्रमित बीमारी है चिकन पॉक्स। इस बीमारी में इंसान के पूरे शरीर पर लाल रंग के चकत्ते उभर आते हैं। ये बीमारी तेजी से एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल जाती है। अगर कोई व्यक्ति चेचक पीड़ित के सीधे संपर्क में आ जाए तो उसे भी चेचक अपनी चपेट में ले लेता है। ये बीमारी छोटे बच्चों या किशोरों को ज्यादा होती है और साफ-सफाई ना रखने के कारण भी बढ़ती है। 

भारत में क्यों कहते है माता 
अब आपके मन में यह सवाल तो जरूर उठा होगा कि जब ये पूरी तरह एक वायरस से फैलने वाली संक्रमित बीमारी है तो इसे देवी या भगवान का रूप क्यों बताया जाता है। दरअसल, भारत में चेचक को शीतला माता से जोड़ा जाता है। शीतला माता को दुर्गा का ही एक स्वरूप माना गया है और उन्हें हमारे देश में बीमारियों हरने वाली देवी के तौर पर पूजा व जाना जाता है।

शीतला माता के एक हाथ में झाड़ू होती है और दूसरे में पवित्र जल का एक पात्र। झाड़ू से वो इंसानों को उनके कुकर्मों की सजा देने के लिए बीमारियां देती हैं और पवित्र जल से उन्हीं बीमारियों का नाश भी करती हैं। इसलिए चिकन पॉक्स को भारत में माता कहते है। जब घर में किसी बच्चे तथा युवा या फिर घर के कोई बड़े सदस्य को यह बीमारी जकड़ लेती है तो माता शीतला की सेवा की जाती है। 

ये है पूरा किस्सा
शास्त्रों के मुताबिक, ज्वरासुर नाम का एक असुर था, जो बच्चों को तेज बुखार देकर उन्हें मौत के घाट उतार देता था। तब माता कात्यायनी ने शीतला माता का रूप लिया और बच्चों के शरीर में प्रवेश किया। उनके प्रवेश करते ही शरीर पर अजीब से चकत्ते आने लग गए। धीरे- धीरे उन्होंने अंदर से बच्चों को ठीक कर दिया। तब से यह माना जाता है कि चिकन पॉक्स होने पर माता इंसान के शरीर में खुद वास करती हैं और उन्हें ठीक करती हैं। इसलिए भारत में चिकन पॉक्स को ‘माता' कहते है।

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