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जिम शुरू करने से पहले जरूर कराएं ये 5 टेस्ट! कम होगा अचानक हार्ट अटैक का खतरा

जिम शुरू करने से पहले जरूर कराएं ये 5 टेस्ट! कम होगा अचानक हार्ट अटैक का खतरा

 

Workout Tips: आजकल फिट रहने और जिम जाने का चलन तेज़ी से बढ़ रहा है। हालांकि, कभी-कभी जो लोग पूरी तरह से फिट दिखते हैं, उन्हें भी अचानक कार्डियक अरेस्ट हो सकता है। ऐसा अक्सर किसी अनजान और अंदरूनी दिल की समस्या के कारण होता है जिसका पता नहीं चल पाता। एक्सपर्ट्स का मानना ​​है कि जिम या किसी भी तरह का ज़ोरदार वर्कआउट रूटीन शुरू करने से पहले कुछ ज़रूरी हेल्थ टेस्ट करवाना ज़रूरी है। इससे न सिर्फ़ आपके दिल की सेहत का अंदाज़ा लगेगा, बल्कि यह भी पता चलेगा कि आपका शरीर ऐसी फिजिकल एक्टिविटी के लिए तैयार है या नहीं।

30 साल के बाद और भी ज़रूरी

कुछ एक्सपर्ट्स के अनुसार, ये टेस्ट 30 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों के लिए खास तौर पर ज़रूरी हैं। ये उन लोगों के लिए भी बहुत ज़रूरी हैं जिनके परिवार में दिल की बीमारी का इतिहास रहा है या जो लंबे ब्रेक के बाद वर्कआउट फिर से शुरू कर रहे हैं। दूसरे एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये टेस्ट दिल की छिपी हुई बीमारियों का पता लगा सकते हैं, जिनका अगर समय पर पता चल जाए तो बड़े हेल्थ रिस्क से बचा जा सकता है।

ये हैं ज़रूरी टेस्ट

ECG: यह टेस्ट दिल की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी को रिकॉर्ड करता है और दिल की धड़कन में अनियमितता, कंडक्शन ब्लॉक या पिछले साइलेंट हार्ट अटैक के संकेतों का पता लगा सकता है।

2D Echo: यह टेस्ट दिल की बनावट और काम की जांच करने के लिए अल्ट्रासाउंड का इस्तेमाल करता है। यह हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी जैसी गंभीर बीमारियों का पता लगा सकता है, जिससे कभी-कभी अचानक कार्डियक अरेस्ट हो सकता है।

TMT: यह टेस्ट एक कंट्रोल्ड माहौल में एक्सरसाइज़ के दौरान दिल के परफॉर्मेंस की जांच करता है। इसे उन लोगों के लिए बहुत असरदार माना जाता है जो हाई-इंटेंसिटी वर्कआउट करते हैं।

कार्डियक बायोमार्कर: यह ब्लड टेस्ट दिल की मांसपेशियों में तनाव या मामूली नुकसान का पता लगाता है, जो बिना किसी लक्षण के भी हो सकता है।

इन्फ्लेमेटरी मार्कर: यह टेस्ट शरीर में सूजन के लेवल को मापता है, जो धमनियों में प्लाक जमने के जोखिम का संकेत दे सकता है। लिपिड प्रोफाइल और HbA1c: यह टेस्ट कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के लेवल के साथ-साथ पिछले तीन महीनों के औसत ब्लड शुगर लेवल को मापता है। यह टेस्ट डायबिटीज और मेटाबॉलिक सिंड्रोम के जोखिम का आकलन करने में भी मददगार है।

विटामिन टेस्ट भी ज़रूरी हैं

विटामिन D और B12 की कमी से एनर्जी लेवल, हड्डियों की सेहत और मांसपेशियों की सेहत पर असर पड़ सकता है। इसलिए, इनके लिए भी टेस्ट करवाना ज़रूरी है।

एक्सपर्ट की सलाह

इन टेस्ट को लग्ज़री न समझें, बल्कि जीवन बचाने वाला कदम समझें। ये टेस्ट करवाने और अपने डॉक्टर से हरी झंडी मिलने के बाद ही अपना जिम रूटीन शुरू करें। समय पर सावधानी बरतने से अचानक कार्डियक अरेस्ट या दिल से जुड़ी दूसरी जानलेवा घटनाओं से बचा जा सकता है।


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