युवराज सिंह ने इसी साल क्रिकेट से संन्यास लेने का एलान कर दिया था। अब उन्होंने भारतीय टीम मैनेजमेंट पर आरोप लगाते हुए कहा है कि टीम मैनेजमेंट ने उनके खेलने के अंतिम दिनों में काफी जल्दबाजी की थी। उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि उनके सामने बार बार नए चैलेंज डाल दिए जाते थे जिससे उनको खुद को बार बार साबित करने का प्रेशर होता था।
युवराज ने ये भी कहा कि अंत में उनके साथ बैठकर किसी ने भी टीम के प्लानिंग के बारे में बात नहीं की। एक न्यूज चैनल को दिए गए एक इंटरव्यू में युवराज सिंह ने कहा कि, मैंने कभी नहीं सोचा था कि 2 मैचों में मैन ऑफ द मैच रहने के बाद जहां 8,9 मैच मैंने चैंपियंस ट्रॉफी में खेले थे। इसके बाद मुझे ड्रॉप कर दिया जाएगा। इसके बाद मैं चोटिल हो गया था और मुझे कहा गया था कि मैं श्रीलंका सीरीज के लिए तैयारी करूं। इसके तुरंत बाद यो यो टेस्ट आ गया और मेरे सेलेक्शन में यू टर्न हो गया।
इसके बाद मुझे वापस जाकर 36 साल की उम्र में यो यो टेस्ट की तैयारी करनी पड़ी। यो यो टेस्ट क्लियर करने के बाद भी मुझसे ये कहा गया कि जाओ और जाकर डोमेस्टिक क्रिकेट खेलो। युवराज ने आगे कहा कि, उन्हें लगा था कि मैं इस उम्र में यो यो टेस्ट क्लियर नहीं कर पाउंगा और ऐसे में मुझसे कन्नी काटना आसान हो जाएगा। हां आप ये कह सकते हैं कि अंत में कई बहाने बनाए गए।
युवराज ने ये भी कहा कि सीनियर खिलाड़ियों के लिए ये काफी मुश्किल था उन्होंने सहवाग और जहीर खान का नाम लेते हुए कहा कि टीम मैनेजमेंट ने इन खिलाड़ियों के अंतिम दिनों में सही तरीके से व्यवहार नहीं किया। साल 2011 वर्ल्ड कप के हीरो ने साल 2017 में इंग्लैंड के खिलाफ अपना आखिरी टी20 मैच खेला था।
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