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Uttar Pradesh:रात 10 बजे से हड़ताल पर जाएंगे बिजली कर्मचारी, शासन ने कसी कमर

Uttar Pradesh:रात 10 बजे से हड़ताल पर जाएंगे बिजली कर्मचारी, शासन ने कसी कमर

 

उत्तर प्रदेश:  बिजली कर्मचारी बृहस्पतिवार रात यानी आज 10 बजे कामकाज बंद कर हड़ताल पर जाएंगे।बताया जा रहा है कि  इस कार्य बहिष्कार के दौरान जरूरी सेवाएं ठप नहीं होंगी और बिजली आपूर्ति अप्रभावित रहेगी । उधर, शासन ने भी हड़ताल से निपटने के लिए कमर कस ली है। बिजली कर्मचारियों की छुट्टियां तो रद्द की ही जा चुकी हैं, अतिरिक्त कर्मचारी भी जुटाए जा रहे हैं।

हड़ताल के दौरान दो घंटे काम का आश्वासन
जानकारी के मुताबिक 72 घंटे के कामकाज ठप करने के बाद विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति आगे की रणनीति तय करेगी। समिति ने दावा किया कि बुधवार को भी प्रदेश भर के एक लाख बिजली कर्मियों ने कार्य बहिष्कार किया। इसके चलते कई जगहों पर कार्य प्रभावित हुआ। ऑफिसर्स एसोसिएशन ने इससे इन्कार किया है। साथ ही हड़ताल के दौरान दो घंटे अतिरिक्त काम का आश्वासन दिया है।

विवशता में कार्य बहिष्कार कर रहे कर्मी
कॉरपोरेशन का कहना है कि सभी व्यवस्थाएं पहले की तरह सुचारू रूप से चल रही हैं। संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे व अन्य ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। कहा कि कर्मियों का उद्देश्य हड़ताल नहीं है लेकिन समझौते का पालन नहीं होने से विवशता में कार्य बहिष्कार कर रहे हैं।

प्रशासन भी पूरी तैयारी में 
इसके पहले बिजली कर्मियों ने तीन दिसंबर को ऊर्जा मंत्री की मौजूदगी में हुए लिखित समझौते को लागू करने की मांग को लेकर मंगलवार से आंदोलन शुरू कर दिया है। विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति ने कल कार्य बहिष्कार किया और 16 मार्च की रात से 72 घंटे की हड़ताल का एलान किया । समिति ने मंगलवार को लखनऊ में मशाल जुलूस भी निकाला। हालांकि, उनके जुलूस को पुलिस ने पावर कार्पोरेशन के फील्ड हॉस्टल के बाहर नहीं जाने दिया। वही हड़ताल से निपटने के लिए सरकार ने पुख्ता इंतजाम किए हैं। बिजली कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं और कंट्रोल रूम सक्रिय कर दिए गए हैं।

ऊर्जा मंत्री ने की कर्मचारियों से अपील
वहीं ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने संघर्ष समिति से हड़ताल वापस लेने की अपील करते हुए कहा कि संगठनों द्वारा रोजाना नए-नए मुद्दे उठाना विभाग और कर्मचारियों के हित में नहीं है। 

मंत्री ने कहा कि कर्मचारी विरोध, हड़ताल और कार्य बहिष्कार का रास्ता छोड़कर प्रदेश सरकार के कार्यों में सहयोग करें, जिससे प्रदेश के विकास में तेजी लाई जा सके। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि दिसंबर, 2022 में विद्युत संगठनों के साथ किए गए समझौते पर काफी कुछ काम किया जा चुका है। इसमें से कार्मिकों की एसीपी के लिए अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति का गठन शासन स्तर पर किया जा चुका है। इसी प्रकार कैशलेस उपचार के लिए शासन की नीति के समान व्यवस्था करने के लिए अनुमोदन दे दिया गया है।

इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ आगे की प्रक्रिया निर्धारित की जा रही है। विद्युत निगम के घाटे में होने के बावजूद सभी कर्मचारियों को एक वर्ष का बोनस दे दिया गया है। शर्मा ने कहा कि कुछ गिने-चुने विद्युत संगठनों द्वारा हड़ताल व कार्य बहिष्कार की बात करना पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। ऐसा काम न तो जनता और न ही प्रदेश के।


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