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CM सुक्खू से उन्हीं की पार्टी के नेता नाखुश, प्रतिभा सिंह को लिखा डाला खत, कहा- त्राही त्राहि मची...

CM सुक्खू से उन्हीं की पार्टी के नेता नाखुश, प्रतिभा सिंह को लिखा डाला खत, कहा- त्राही त्राहि मची...

 

Shimla:कांग्रेस पार्टी में आपसी होड़ होना जैसे परंपरा बनती जा रही हो, एक बार फिर कांग्रेस में आपसी भीतरी अन-बन की खबर सामने आ रही है। हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार पर उन्हीं के पार्टी के विधायक ने लेटरबम फोड़ दिया है। दरअसल, लाहौल स्पीति से कांग्रेस विधायक रवि ठाकुर ने जिले में अहम पदों के खाली होने पर अपनी ही सरकार को घेरा है। रवि ठाकुर ने जहां सुक्खू सरकार पर सवाल उठाए हैं, वहीं, पार्टी प्रदेशाध्यक्ष को भी चिट्टी लिखी है।

क्या है पूरा मामला? 
हाल ही में रवि ठाकुर की एक वीडियो भी सामने आई है जिसमे उन्होंने कहा है कि नई सरकार के गठन के बाद लाहौल जिले में तीन अहम पदों से अफसरों का तबादला कर दिया गया था, लेकिन अब तक यहां तैनाती नहीं हुई है। पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक रवि ठाकुर ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को तीन-चार बार तैनाती के लिए कहा है यहां तक कि सीएम ने उन्हें दो तीन बार फोन भी किया और कहा था कि जल्द ही अफसरों की तैनाती हो जाएगी, लेकिन अब तक पोस्ट खाली हैं।

दरअसल, लाहौल स्पीति में केलॉंग, काजा और उदयपुर में एसडीएम की पोस्ट खाली है. इसके अलावा, डीएफओ और नायब तहसीलदार का पद भी खाली है। लोगों के काम नहीं हो रहे हैं और त्राही त्राही मची हुई है। पार्टी अध्यक्ष प्रतिभा सिंह को लिखे पत्र में रवि ठाकुर ने कहा कि अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं और ऐसे में उनके चुनाव क्षेत्र में अधिकारियों के खाली पदों को शीघ्र भरा जाए। क्योंकि इन पदों के खाली होने से क्षेत्रवासियों में रोष पनप रहा है और कई डेवलपमेंट वर्क ठप हैं। उन्होंने कहा कि जिला परिषद और लोकसभा उपचुनाव में भी लाहौल से कांग्रेस को भारी मत मिले थे, ऐसे में एमपी फंड भी जारी किया जाए।

पूर्व विधायक ने साधा निशाना
लाहौल स्पीति से पूर्व विधायक और मंत्री रहे राम लाल मार्केंड ने भी  पूरे मसले पर कांग्रेस सरकार को घेरा है। रामलाल मार्केंड ने कहा कि प्रदेश‌ में कांग्रेस सरकार के निक्कमेपन के कारण लाहौल स्पीति में मात्र तीन महीने में ही हालात बेहद चिंताजनक हो गए हैं, हिमाचल के ‘लॉक’ प्रिय मुख्यमंत्री संस्थानों पर ताले लगाने में इतने व्यस्त हो गए हैं कि अब उन्हें अपने विधायकों के निवेदन भी सुनाई नहीं दे रहे हैं। बहरहाल, पूरे मसले पर अब सरकार बैकफुट पर नजर आ रही है।
 


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