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Swaroopanand Saraswati का 99 वर्ष की उम्र में निधन, जानें कौन बनेगा उनका उत्तराधिकारी

Swaroopanand Saraswati का 99 वर्ष की उम्र में निधन, जानें कौन बनेगा उनका उत्तराधिकारी

 

हिंदुओं के सबसे बड़े धर्मगुरु और द्वारका एवं शारदा पीठ स्वरूपानंद सरस्वती (Swaroopanand Saraswati) का रविवार को 99 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। स्वरूपानंद सरस्वती ने कुछ दिन पहले ही अपना 99वां जन्मदिवस मनाया था। जिसमें एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान समेत कई बड़े नेता शामिल हुए थे। सोमवार को उन्हें मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में भू समाधि दी जाएगी। सरस्वती का निधन हार्ट अटैक की वजह से हुआ है। स्वामी एक साल से अधिक समय से बीमार चल रहे थे। शंकराचार्य का देश, समाज और सनातन धर्म के लिए काफी बड़ा योगदान रहा है। करोड़ों भक्तों की उन पर आस्था है।

कौन थे शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती
स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने 9 साल की उम्र में ही अपना घर त्याग कर धर्म यात्रा शुरू कर दी थी। इस यात्रा के दौरान काशी पहुंचकर उन्होंने ब्रह्मलीन स्वामी करपात्री महाराज से वेदों और शास्त्रों की शिक्षा प्राप्त की। अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में सन् 1942 के दौरान अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा लगाने पर वह भी स्वतंत्रता संग्राम में कूदने से खुद को नही रोक पाएं। इस समय वह ‘क्रांतिकारी साधु’ के रूप में पहचाने जाने लगे। उन्होंने वाराणसी की जेल में नौ महीने और मध्यप्रदेश की जेल में छह महीने की सजा भी काटी है।

उन्हें 1981 में शंकराचार्य की उपाधि मिली। उसके बाद उन्होंने 1950 में शारदा पीठ शंकराचार्य स्वामी ब्रह्मानन्द सरस्वती से दण्ड-सन्यास की दीक्षा ली और स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती नाम से प्रसिद्ध हुए। उनके निधन के बाद अब सबसे बड़ा सवाल है कि उनका उत्तराधिकारी कौन बनेगा। जिसमें कहा जा रहा है कि दंडी स्वामी सदानंद सरस्वती जी महाराज को द्वारका शारदा पीठ की कमान और दंडी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज को ज्योतिषपीठ की कमान सौंपी जा सकती है।

शंकराचार्य के निधन पर पीएम मोदी ने ट्वीट कर शोक प्रकट किया, उन्होंने लिखा कि- ‘मुझे द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। शोक के इस समय में उनके अनुयायियों के प्रति मेरी संवेदनाएं है। ओम शांति!’



राम मंदिर पर स्वरूपानंद सरस्वती का बयान
स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर बड़ा बयान दिया था। ये बयान उन्होंने प्रयागराज में माघ मेले में मौनी अमावस्या स्नान के दौरान दिया था। जिस पर खूब विवाद भी हुआ था। शंकराचार्य ने मनकामेश्वर मंदिर में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर नहीं बनाया जा रहा है। बल्कि वहां आने वाले दिनों में विश्व हिंदू परिषद का कार्यालय बनेगा। जो राम को आराध्य मानते हैं वहीं मंदिर बनाते है। राम को महापुरुष मानने वाले कभी मंदिर नहीं बनाते।

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