Putin Visits India: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत आने वाले हैं और उससे पहले सुरक्षा को लेकर सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इस रिपोर्ट में हम आपको बताने वाले हैं कि भारत ने भी पुतिन की सुरक्षा के लिए क्या क्या तैयारियां की गई हैं। साथ ही पुतिन की सुरक्षा क्यों दुनिया की सबसे अभेद्द सुरक्षा मानी जाती है। भारत दौरे से पहले ही सुरक्षा एजेंसियों ने अब तक की सबसे उच्च श्रेणी की वीवीआइपी सुरक्षा का ब्लूप्रिंट तैयार किया है। पुतिन जिनके विमान को दुनिया में आसमान में उड़ता किला कहा जाता है, उनके साथ सड़क मूवमेंट के लिए सुरक्षित लिमोजिन से लेकर भोजन और संचार व्यवस्था तक रूस अपनी पूरी टीम और उपकरण भारत लाता है।
पुतिन के किसी भी दौर पर सुरक्षा सिर्फ विमान तक सीमित नहीं
भारत आने पर पुतिन फोर्ट्रेस सिक्योरिटी पर रहेंगे।फोर्ट्रेस सिक्योरिटी वह सुरक्षा है जिसमें लक्ष्य को हर तरह के बाहरी खतरे से लगभग पूरी तरह अजेय बना दिया जाता है। मोदी दुनिया के उन चुनिंदा शासन प्रमुखों में हैं जिन पर पुतिन बेहद भरोसा करते हैं।अधिकारिक राजनयिक सूत्र और सुरक्षा एजेंसियों के हवाले से प्राप्त जानकारी बताती है कि पुतिन के विमान और सुरक्षा प्रोटोकॉल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विमान से तुलना के योग्य है और कई पहलुओं में उससे अलग भी। पुतिन के किसी भी दौर पर सुरक्षा सिर्फ विमान तक सीमित नहीं रहती।
वैश्विक सुरक्षा ढांचे में उड़ता हुआ सैन्य मुख्यालय
ड़क सुरक्षा के लिए रूस भारत में अपना पूरा मोटरकेड लाता है, जिसमें औरुस सेनैत लिमोजिन शामिल होती है। वही कार जिसमें मॉस्को में राष्ट्रपति काफिला चलता है। यह कार बुलेट-प्रूफ और ग्रेनेड-प्रूफ आरपीजी-विस्फोटक प्रतिरोधक,हर्मेटिक सील से लैस, गैस-अटैक में भी सुरक्षित रहती है। स्ट्रैटेजिक एविएशन इंटेलिजेंस नेटवर्क की गोपनीय रिपोर्ट के अनुसार सुरक्षा का सबसे उच्च मानदंड उस उड़ान को माना जाता है जिसमें राष्ट्राध्यक्ष यात्रा करते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एअर फोर्स वन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का आईएल-96-3000 प्यू दोनों विमानों को वैश्विक सुरक्षा ढांचे में उड़ता हुआ सैन्य मुख्यालय कहा जाता है। दोनों में सुरक्षा व्यवस्था बेहद मजबूत है। पुतिन के विमान में मल्टी-लेयर मिसाइल जैमिंग सिस्टम मौजूद है जो दुश्मन के हमले भ्रमित करके निष्क्रिय कर देता है। सीधे तौर पर भारत भी ये सुनिश्चित कर रहा है कि उनकी सुरक्षा में कोई चूक न हो। भारत ऐसा कर के दुनिया को कूटनीतिक संदेश भी देना चाहता है।