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Navratri 2022: अष्टमी के दिन मां महागौरी को करें प्रसन्न, बनेंगे बिगड़े काम 

Navratri 2022: अष्टमी के दिन मां महागौरी को करें प्रसन्न, बनेंगे बिगड़े काम 

 

शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri) के पावन दिनों में आज अष्टमी तिथि के आंठवें दिन मां दुर्गा (Maa Durga) के आठवें स्वरूप मां महागौरी (Maa Maha Gauri) की पूजा का विधान है। इस दिन पूजा का विशेष महत्व है क्योंकि ये तिथि शुभ फल प्राप्ति के लिए बहुत लाभदायक है। इस दिन मां महागौरी की विधि-विधान से पूजा करने से भक्तों के सारे बिगड़े काम बन जाते हैं। शादी में आने वाली सभी रुकावटें भी मां दूर कर देती हैं।

महागौरी का स्वरूप
महागौरी का स्वरूप बहुत ही उज्जवल कोमल, श्वेतवर्ण और श्वेत वस्त्रधारी है। मां महागौरी को गायन-संगीत बहुत प्रिय है और इनकी सवारी सफेद वृषभ यानी बैल है। मां के चार हाथ है जिसमें देवी के एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ में डमरू हैं। माता का एक हाथ अभय मुद्रा में है और एक हाथ से वह अभय दान दे रही है। मां के बाएं हाथ में शिव का प्रतीक डमरू होने के कारण महागौरी को शिवा (Shiva) भी कहा जाता है। माता का कालरात्रि (kaalratri) स्वरूप जितना ज्यादा भयंकर है, उतना ही महागौरी स्वरूप शांत है। नवरात्रि के आठवें दिन इनकी पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

महागौरी की पूजा विधि
आज के दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नानादि से निवृत होकर स्वच्छ कपड़े पहनें। इसके बाद पूजा स्थल पर गंगाजल से छिड़काव करें और पांच देसी घी के दीपक भी जलाएं। मां महागौरी की पूजा शुरू करने से पहले मां के कल्याणकारी मंत्र 'ओम देवी महागौर्यै नम:' मंत्र का जप अवश्य करें। फिर माता का मंत्र जप करते हुए ध्यान करें। माता को धूप, दीप, फूल, फल रोली, अक्षत आदि सामग्री अर्पित करें। महागौरी को सफेद रंग बहुत प्रिय है इसलिए इनकी पूजा में इन्हें सफेद फूल (White Flower) जरूर अर्पित करें। मां को नारियल या नारियल से बनी चीजों का भोग लगाएं। कुछ लोग अष्टमी तिथि के दिन और कई नवमी के दिन कन्या पूजन (Kanya Pujan) करते हैं। माता की पूजा में गुलाबी (Pink) रंग के वस्त्र पहने। मां महागौरी की चालीसा पढ़े या सुने। इससे रिश्ते में खुशहाली बनी रहती है।    

इस मंत्र का करें जाप 
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ महागौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥   

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