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रामनगरी में गूंजा धर्म का डंका! : आस्था, परंपरा और आध्यात्मिक ऊर्जा का संगम, जानिए...

रामनगरी में गूंजा धर्म का डंका! : आस्था, परंपरा और आध्यात्मिक ऊर्जा का संगम, जानिए...

 

Ram Mandir Dhwajarohan 2025: धर्म और आस्था के संगम का महान पर्व राम नगरी अयोध्या में 2025 का राम मंदिर ध्वजारोहण एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्त्व वाला क्षण रहा है। हजारों वर्षों की प्रतीक्षा, संघर्ष और आस्था की तपस्या के बाद निर्मित भव्य राम मंदिर में ध्वजारोहण का यह आयोजन केवल एक परंपरा भर नहीं, बल्कि पूरे विश्व के करोड़ों राम भक्तों के लिए धर्म, सत्य और मर्यादा के मार्ग का प्रतीक है। धर्मशास्त्रों में ध्वज को विजय, प्रतिष्ठा और धर्म की रक्षा का प्रतीक माना गया है। जब किसी देवालय पर ध्वज फहराया जाता है, तो वह केवल एक धरोहर का उद्घोष नहीं बल्कि धर्म की सतत जीवंतता का प्रमाण होता है।

ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनने को हर कोई उत्साहित

2025 का राम मंदिर ध्वजारोहण की तैयारियां बेहद भव्य और दिव्य रहा। इस दौरान आयोजन समिति से लेकर साधु-संत, वैदिक आचार्य और स्थानीय श्रद्धालु- हर कोई इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनने को उत्साहित रहा। मंदिर परिसर में वैदिक मंत्रोच्चार, हवन, पूजा-पाठ और विशेष प्रार्थना सभाओं का आयोजन किया गया। देशभर के तीर्थस्थानों से पवित्र जल, मिट्टी और पुष्प मंगवाए गए, जिन्हें ध्वजारोहण की पूजा में सम्मिलित किया गया।

यह ध्वज केवल मंदिर के शीर्ष पर नहीं...

 यह आयोजन भारत की सांस्कृतिक धरोहर और सनातन परंपराओं की शक्ति को दुनिया के सामने पुनः स्थापित करेगा। धर्म में ध्वज का विशेष महत्व बताया गया है। इसे भगवान की उपासना का साक्षी, संरक्षण और आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक माना गया है। राम मंदिर में ध्वजारोहण का अर्थ है - सत्य, धर्म और मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के आदर्शों का ध्वज पूरे विश्व में ऊंचा रखना। यह ध्वज केवल मंदिर के शीर्ष पर नहीं, बल्कि करोड़ों भक्तों के हृदय में फहरता है, उन्हें सदाचार, करुणा, सत्य और कर्तव्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।

 “सत्य की सदैव विजय होती है”

 2025 के इस आयोजन का संदेश बेहद स्पष्ट है कि “सत्य की सदैव विजय होती है” राम मंदिर का निर्माण और उसका ध्वजारोहण इस बात का प्रतीक है कि चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी कठिन क्यों न हों, धर्म और सत्य की राह अंततः विजय की ओर ही ले जाती है। यह ध्वजारोहण भारत की आध्यात्मिक एकता, संस्कृति और सनातन परंपरा का गौरवगान करेगा।


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