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पेट्रोल-डीजल पर ऑयल एंड मार्केटिंग कंपनियों को ₹10 से ₹12 का घाटा

पेट्रोल-डीजल पर ऑयल एंड मार्केटिंग कंपनियों को ₹10 से ₹12 का घाटा

 

पेट्रोल और डीजल के दामों पर सबकी नजर बनी रहती है। देश में पिछले कई दिनों से तेल के दामों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। लेकिन ऑयल एंड मार्केटिंग कंपनियों (OMC) को मौजूदा तिमाही में एक लीटर पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर ₹10 से  ₹12 का नुकसान हुआ है। रूस-यूक्रेन का युद्ध 24 फरवरी को शुरू हुआ था जिसके कारण कच्चे तेल की कीमतें बढ़ी हैं और अत्यधिक अस्थिर हैं। कच्चे तेल की तुलना में रिफाइन फ्यूल की कीमतें भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी से बढ़ी हैं। 

ब्रोकरेज ने कहा कि OMCs के लिए मार्केटिंग संकट जारी है। रिफाइनिंग में मजबूती के बाद भी अर्निंग पर दबाव देखने को मिल रहा है। जिससे कंपनियों का मैटेरियली घाटा बढ़ा है। पिछले 3 महीने में इसका दबाव देखने को मिल रहा है। इंटरनेशनल कीमतों में तेजी और रिटेल फ्यूल में कीमतें न बढ़ने के चलते, पेट्रोल और डीजल पर पिछले 2 से 3 महीनों से अनुमानित नुकसान Q1FY23 के लिए 10.5 रुपये प्रति लीटर और 12.5 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ गया है, जबकि यह Q4FY22 के लिए 1.5 रुपये रुपये प्रति लीटर और 1.6 रुपये प्रति लीटर था।

ब्रोकरेज जेफरीज ने कहा कि कम ईंधन की सूची, रूसी निर्यात में कमी, यूरोप में मजबूत मांग, चीन में प्रतिबंधों में धीरे-धीरे छूट, यूरोप में कम रिफाइनरी उत्पादन और मध्य पूर्वी रिफाइनरियों के रैंप-अप में देरी से डीजल पर मजबूत मार्जिन का समर्थन होगा। 

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