Himachal High Court Chief Justice:हिमाचल हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस के तौर पर न्यायमूर्ति एम. एस. रामचंद्र राव को नियुक्त किया गया है। इसकी जानकारी शुक्रवार को केंद्रीय कानून मंत्रालय की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई। बता दें कि इसी साल 20 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम न्यायमूर्ति अमजद ए. सयैद की सेवानिवृत्ति की हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति करने की सिफारिश की थी। मौजूदा वक्त में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में वरिष्ठतम जज न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान बतौर कार्यवाहक सेवा दे रहे हैं। इससे पहले न्यायमूर्ति सबीना बतौर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सेवाएं दे रही थीं। जानकारी के मुताबिक न्यायमूर्ति एम. एस. रामचंद्र राव ज्वाइनिंग के तिथि से ही कार्यभार संभालेंगे।
Central government notifies appointment of Justice MS Ramachandra Rao as Chief Justice of Himachal Pradesh High Courthttps://t.co/mdkxBFHx2B
— Bar & Bench (@barandbench) May 27, 2023
जस्टिस रामचंद्र राव के बारे में कुछ तथ्य
मामिदन्ना सत्य रत्न रामचंद्र राव का जन्म 7 अगस्त, 1966 को हैदराबाद में हुआ था। 7 सितंबर, 1989 को एक वकील के रूप में उनका नामांकन हुआ। इसी साल 20 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम न्यायमूर्ति अमजद ए. सयैद की सेवानिवृत्ति की हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति करने की सिफारिश की थी।
कैंब्रिज विश्वविद्यालय में पूरी की पढ़ाई
न्यायमूर्ति एम.एस. रामचंद्र राव साल 1991 में कैंब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं। साल 1991 बैच के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र रहे रामचंद्र राव को अपने मास्टर्स कोर्स के लिए कैम्ब्रिज कॉमनवेल्थ स्कॉलरशिप, बैंक ऑफ क्रेडिट और कॉमर्स इंटरनेशनल स्कॉलरशिप और इनर टेंपल के स्कॉलरशिप ट्रस्ट से पेगासस स्कॉलरशिप से भी सम्मानित किया गया है।
बड़े उद्यमों के रहे हैं वकील
न्यायमूर्ति एम. एस. रामचंद्र राव आईआरडीए, एसबीआई, हैदराबाद राज्य, पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के अन्य उद्यमों के वकील रहे हैं। उन्हें साल 2012 में आंध्र प्रदेश के उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था। उनके पिता न्यायमूर्ति एम. जगन्नाध राव भी न्यायाधीश थे.
साल 2012 में बने थे न्यायधीश
न्यायमूर्ति एम एस रामचंद्र राव को 29 जून, 2012 को आंध्र प्रदेश के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। आंध्र प्रदेश राज्य के विभाजन के बाद उन्होंने तेलंगाना को अपने मूल उच्च न्यायालय के रूप में चुना। उन्हें 12 अक्टूबर, 2021 को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में स्थानांतरित किया गया था, जहां वे मौजूदा वक्त में न्यायाधीश हैं।