करतारपुर साहिब गुरुद्वारा का प्रबंध एवं देखरेख का काम एक गैर सिख संस्था को सौंपे जाने के पाकिस्तान के फैसले का भारत ने कड़ा विरोध किया है। भारत ने आज पाकिस्तान सरकार का आह्वान किया कि वह सिखों की भावनाओं के विरुद्ध इस मनमाने फैसले को वापस ले।
वही, विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को एक बयान में कहा, 'हमने उन रिपोर्टों को देखा जिनके अनुसार पाकिस्तान पवित्र गुरुद्वारा करतारपुर साहिब का प्रबंधन एवं देखरेख का काम अल्पसंख्यक सिख समुदाय की संस्था पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से लेकर एक गैर सिख संस्था इवेक्वी ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड के हाथों दिया जा रहा है।'
बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा गया, 'पाकिस्तान का यह एकतरफा निर्णय निंदनीय है और करतारपुर साहिब कॉरीडोर खोले जाने की भावना और सिख समुदाय के धार्मिक ख्यालों के विरुद्ध है। ऐसे कदम पाकिस्तानी सरकार और धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों एवं कल्याण के लंबे चौड़े दावों की असलियत उजागर करते हैं।'
Highly condemnable, against the spirit of #KaratarpurSahib corridor & religious sentiments of the Sikh community. Such actions expose the reality of Pakistan govt...: MEA statement on reports about Pakistan transferring the management and maintenance of Gurudwara Kartarpur Sahib pic.twitter.com/E5avywUmkk
— ANI (@ANI) November 5, 2020
विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को आह्वान किया कि वह सिख समुदाय के अधिकारों के हनन करने वाले मनमाने फैसले को वापस ले। बयान में आगे कहा गया कि गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के प्रबंध संबंधी मामलों का प्रबंध करने का अधिकार सिख समुदाय का है।
यह भी पढ़ें- करतारपुर साहिब पर पाकिस्तान की नई चाल,सिरसा बोले-गुरुद्वारे का प्रबंधन ETBP को सौंपना दुभार्ग्यपूर्ण