यूक्रेन में रूस के हमले के बाद भी हुए खराब हालातों के बीच पिसाचिन में फंसा झंबर के सुरजेड़ा गांव का पुनीत शर्मा आखिरकार सोमवार को यूक्रेन बॉर्डर पहुंच गया। पुनीत शर्मा को बॉर्डर तक पहुंचने में बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
पुनीत शर्मा खारकीव में पढ़ाई करता है। यूक्रेन में हालातों के खराब होने के बाद पुनीत शर्मा को पहले रेलवे स्टेशन पर स्थानीय लोगों ने ट्रेन में नहीं चढ़ने दिया। जिसके बाद वह अपने साथियों के साथ पैदल ही बॉर्डर की ओर निकला तो पिसाचिन नाम के इलाके में फंस गया। यूक्रेन में युद्ध के कारण बिगड़े हालातों के बीच उसे करीब चार दिन वहीं गुजारने पड़े। इस दौरान उन्हें खाने के लिए ब्रेड ही मिली।
पुनित शर्मा ने जैसे-तैसे करके करीब 500 डॉलर किराया भरकर वह सोमवार दोपहर को यूक्रेन बॉर्डर पहुंचा। बताया जा रहा है कि अब वह सीमा पार कर यूक्रेन की सीमा से लगे देश पहुंच जाएगा। बताया जा रहा है कि पुनीत को बॉर्डर तक ले जाने वाली बस ने करीब 60 घंटे लगातार सफर तय किया तब जाकर वह सुरक्षित यूक्रेन बॉर्डर तक पहुंच पाया। हालांकि इस दौरान उन्हें खाने के लिए एक पैकेट चिप्स ही मिला और उन्हें भूखे पेट ही यूक्रेन से बाहर निकलने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ी। पुनीत के बॉर्डर पर पहुंचने के बाद जिला ऊना स्थित उसके घर में राहत का माहौल है। पुनीत के पिता रविंद्र शर्मा ने कहा कि बेटे के यूक्रेन बॉर्डर पर पहुंचने के बाद उन्होंने राहत की सांस ली है।
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