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हरियाणा सरकार की बड़ी पहल: किसानों को बाजरा न बोने पर मिलेंगे 4000 रु, यहां करना होगा पंजीकरण

हरियाणा सरकार की बड़ी पहल: किसानों को बाजरा न बोने पर मिलेंगे 4000 रु, यहां करना होगा पंजीकरण

 

हरियाणा (Haryana) में फसल विविधीकरण योजना (Crop Diversification Scheme) के तहत दक्षिण हरियाणा के बाजार बाहुल्य सात जिलों भिवानी (Bhiwani), चरखी दादरी (Charkhi Dadri), महेंद्रगढ़ (Mahendragarh), रेवाड़ी (Rewari), झज्जर (Jhajjar), हिसार (Hisar) व नूंह (Nuh) में दलहन-तिलहन की फसलों को बढ़ावा देने का फैसला किया गया है। योजना के तहत बाजरा की बुआई छोड़ने पर सरकार किसानों को 4,000 रुपये प्रति एकड़ वित्तीय सहायता देगी। कम से कम एक लाख एकड़ क्षेत्र में दलहन व तिलहन फसलों की बुआई करने का लक्ष्य रखा गया है।

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (Agriculture and Farmers Welfare Department) की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा (Sushmita Mishra) ने बताया कि केंद्र सरकार (Central Govt) ने दलहन व तिलहन फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी की है। योजना के अंतर्गत दलहन फसलों में मूंग की दाल, अरहर व उड़द की दाल, तिलहन फसलों में अरंडी, मूंगफली व तिल शामिल हैं। इसके लिए किसानों को पहले मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराना होगा। सत्यापन के बाद ही किसानों के खातों में सहायता राशि हस्तांतरित कर दी जाएगी।

उन्होंने बताया कि विभाग दलहन व तिलहन फसल क्षेत्र को बढ़ाने पर जोर दे रहा है। किसानों को फसलों की नई किस्मों व आधुनिक तकनीक की जानकारी लगातार दी जा रही है। दाल वाली फसलें मृदा के स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छी होती हैं और हवा की नाइट्रोजन को सोखकर जमीन में उसकी मात्रा काफी बढ़ाती हैं, जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति में वृद्धि होती है। इस तरह किसानों को खेत में नाइट्रोजन फर्टिलाइजर की जरूरत कम पड़ेगी। तिलहन वाली फसलों को बढ़ावा देने से देश में खाद्य तेल की कमी को खत्म करने में भी सहयोग मिलेगा।

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