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दांतों की सफाई न रखने से बढ जाता है इस बिमारी का खतरा

दांतों की सफाई न रखने से बढ जाता है इस बिमारी का खतरा

 

देश में दांतों की सफाई के मामले में लापरवाही बरतने वालों की संख्या लगभग 4 से 5 प्रतिशत तक पाई गई है। जो लोग तंबाकू का किसी भी रूप में सेवन नहीं करते हैं, उनमें टूटे दांतों के बीच ठीक से सफाई न होने के कारण मुंह के कैंसर का जोखिम रहता है। मुंह के अंदर त्वचा में लगातार जलन रहने या ऐसे दांतों की वजह से जीभ का कैंसर भी हो सकता है।

आकड़े बताते हैं कि पिछले 6 वर्षो में भारत में होंठ और मुंह के कैंसर के मामले दोगुने से अधिक हो गए हैं। हालत को रोकने के लिए खराब दांतों की स्वच्छता, टूटे हुए, तीखे या अनियमित दांतों की ओर ध्यान देना अनिवार्य है। तंबाकू के उपयोग से ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस जैसे घाव हो सकते हैं, जो उपयोगकर्ता को मुंह के कैंसर के जोखिम में डाल सकते हैं। इसके अलावा यह उपयोगकर्ता के मुंह में अन्य संक्रमणों का भी कारण बन सकती है। भारत में, धूम्र-रहित तंबाकू (SLT) का उपयोग तंबाकू से होने वाली बीमारियों का प्रमुख कारण बना हुआ है। जिसमें ओरल कैविटी, ईसोफेगस और अग्न्याशय का कैंसर शामिल है। एसएलटी न केवल स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है, बल्कि भारी आर्थिक बोझ का कारण भी बनता है।

 


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