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लगातार हो रहे पैरों के दर्द को न करें इग्नोर, बड़ी बीमारी का हो सकता है संकेत

लगातार हो रहे पैरों के दर्द को न करें इग्नोर, बड़ी बीमारी का हो सकता है संकेत

 

आमतौर पर लोग अपने पैरों के दर्द को इग्नोर कर देते है, उन्हें लगता है की यह ज्यादा थकान या कमजोरी के कारण हो रहा है। पर पैरों में लगातार हो रहे दर्द को आप बिल्कुल भी हल्के में ना लें। यह दर्द आपके लिए खतरनाक हो सकता है। इस दर्द के कारण आप गठिया जैसी बड़ी बीमारी के शिकार भी हो सकते है। इसलिए आपको इस दर्द को भूलकर भी इग्नोर नहीं करना चाहिए। चलिए जानते है लगातार पैरों में होने वाले दर्द की आखिर क्या है वजह...? 

गठिया 

गठिया यानी आर्थराइटिस, इसमें हड्डियों के जोड़ों में भयंकर दर्द होता है। यह मुख्य रुप से शरीर के साइनोवियल जॉइंट की सूजन है। जिसके कारण हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और उनमें टूट फूट शुरु हो जाती है। इससे आपके जोड़ों और उसके आसपास के हिस्से में दर्द और सूजन हो सकती है। यहां तक कि ये आपके लिए चलने फिरने जैसे रोजमर्रा के कामों को करना भी मुश्किल कर देती है। 

सायटिका 

सायटिका नस आपकी पीठ के निचले हिस्से से निकलती है और आपके दोनों पैरों तक जाती है। इसमें होने वाले दर्द को ही सायटिका कहते है।ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी बीमारी की वजह से पैदा हुई बोन स्पुर आपके साइटिसा तंत्रिका पर दबाव डालती है जिससे आपको पैरों में दर्द झुनझुनी और सुन्नता जैसा दर्द होता है। 

पेरिफेरल न्यूरोपैथी 

पेरिफेरल न्यूरोपैथी एक कंडीशन है। पेरिफेरल तंत्रिकाओं का उपयोग मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को संदेश भेजने और ले जाने के लिए किया जाता है। मधुमेह सहित परिधीय न्यरोपैथी के कई कारण है। यह पैर की मांसपेशियों को प्रभावित कर सकता है और उन्हें सुन्न या कमजोर बना सकता है। 

टेंडोनाइटिस 

टेंडोनाइटिस कंडीशन में मांसपेशियों को हड्डी से जोड़ने वाले ऊतक में सूजन आ जाती है। मांसपेशियों और हड्डियों को जोड़न वाले ऊतक जिसे टेंडन कहा जाता है। उसमें सूजन या जलन को टेंडोनाइटिस कहा जाता है। यह आपके शरीर के उस हिस्से को प्रभावित कर सकता है जहां टेंडन किसी मांसपेशी और हड्डी को जोड़ती है जिसकी वजह से आपके पैरों में दर्द हो सकता है।


इलेक्ट्रोलाइट्स का लो लेवल 

इलेक्ट्रोलाइट्स आपको स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जो दिल से लेकर दिमाग और किडनी तक को सुरक्षित रखने का काम करता है। शरीर में इनका असंतुलन गंभीर बीमारियों को दावत देता है। इलेक्ट्रोलाइट्स के असंतुलन से पैरों में दर्द और मांसपेशियों में ऐंठन की समस्याएं भी होती हैं इसके अलावा दस्त कब्ज भ्रम सुस्ती मतली और सुन्नता जैसी समस्याएं शामिल हैं। इसके अलावा इस कंडीशन में व्यक्ति की कई बार हार्ट बीट अनियमित और तेज होने लगती है। 

डीप वेन थ्रोम्बोसिस

डीप वेन थ्रॉम्बोसिस बीमारी को वीनस थ्रॉम्बोसिस के रुप में भी जाना जाता है। जब नसों में खून के थक्के बनने लगते है जो आपके खून के प्रवाह को आंशिक या पूरी तरह से अवरुद्ध कर सकते है। यह आमतौर पर टांगों या बाहों में बनते है। लेकिन जब लोअर बॉडी में यह ब्लड क्लॉट बनने लगते है, तो शरीर के निचले हिस्से में खून पहुंचना कम या कई बार बंद हो जाता है जिससे तेज दर्द उठता है। यही वजह है कि डीवीटी से पीडित लोगों को टांगों में सूजन या दर्द होता है।


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