होम
देश
दुनिया
राज्य
खेल
बिजनेस
मनोरंजन
सेहत
नॉलेज
फैशन/लाइफ स्टाइल
अध्यात्म

 

ई-टेंडरिंग को लेकर सीएम मनोहर लाल का ऐलान; सरपंचों के काम की लिमिट बढ़कर हुई पांच लाख

ई-टेंडरिंग को लेकर सीएम मनोहर लाल का ऐलान; सरपंचों के काम की लिमिट बढ़कर हुई पांच लाख

 

हरियाणा: मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ई-टेंडरिंग मामले में बुधवार को बड़ा फैसला लिया है। कई दिनों से सरपंचों औप राज्य सरकार में चल रही आपसी अनबन को सीएम ने आखिरकार खत्म कर दिया, सीएम मनोहर लाल ने  प्रेस वार्ता कर सरपंचों के कार्य करने की लिमिट को दो लाख से बढ़ाकर पांच लाख कर दी है। बता दें कि अब पांच लाख से ऊपर होने वाले सभी काम ई-टेंडरिंग से होंगे। 

 

ग्राम स्तर पर विकास के लिए सरकार ने कई कदम उठाए- सीएम मनोहर लाल
उन्होंने ये भी कहा कि ग्राम स्तर तक विकास के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता लाने के सीओ जिला परिषद की नियुक्ति की गई। अंतर जिला परिषद समन्वय बनाने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि जब से नई पंचायतों का चुनाव हुआ है उनको 1 क्वार्टर इस वित्तीय साल का बचा है, जिसके 1100 करोड़ रुपए अलाट किए गए हैं।

ई-टेंडरिंग के जरिए काम की गुणवत्ता व पारदर्शिता सुनिश्चित की गई
उन्होंने कहा कि हर जिले में जिला परिषद के सचिवालय बनाने का फैसला सरकार ने किया है। काम की क्वालिटी तय करने के लिए इंजीनियरिंग विंग की स्थापना की गई। जनता के काम में पारदर्शिता लाने के लिए तकनीक का सहारा लिया। ई-टेंडरिंग के जरिए काम की गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित की गई।

हर काम का ऑनलाइन ऑडिट किया जाएगा- सीएम मनोहरलाल
उन्होंने कहा कि पहले के प्रधानमंत्री कहते थे कि 1 रुपया भेजा जाता है तो 15 पैसे पहुंचते हैं, लेकिन अब 1 रुपये भेजने पर 1 रुपये ही आगे जनता तक पहुंचता है। उन्होंने कहा कि अब ई-टेंडरिंग की सीमा अब 2 लाख की बजाय 5 लाख होगी। सालाना 25 लाख तक के काम कोटेशन के आधार पर या छोटी पंचायत होने पर 50 फीसदी बजट का इस्तेमाल पंचायतें कर पाएंगी। लेकिन हर काम का ऑनलाइन ऑडिट किया जाएगा। वहीं अधिकारियों के साथ-साथ सोशल आडिट सिस्टम बनाया जाएगा।

सरपंचों और पंचों के बढ़े मानदेह 
उन्होंने कहा कि ग्राम सचिव की एसीआर पर सरपंच टिप्पणी कर पाएंगे। सरपंचों का मानदेय 3000 से बढ़ाकर 5000 किया गया है। पंचों का मानदेय 1000 से बढ़ाकर 1600 किया गया, जिसको 2026 में रिव्यू किया जाएगा। सरपंचों और पंचों का मानदेय डीए की तर्ज पर हर 6 महीने में बढ़ेगा। ई-टेंडरिंग में काम की जिम्मेदारी अधिकारी और कोटेशन के आधार पर होने वाले काम की जिम्मेदारी सरपंच की होगी।

HSR Rate और DC Rate के बीच समन्वय बनाया जाएगा
HSR Rate और DC Rate के बीच समन्वय बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि HSR Rate जिला स्तर पर बनाकर नोटिफाई किया जाएगा। बिजली कर का 2 फीसदी पंचायतों को एरियर के साथ और स्टांप ड्यूटी का 2 फीसदी उनको दिया जाएगा। अब तक 6217 पंचायतों में से 5048 के प्रस्ताव आए हैं और लगभग 9418 के करीब प्रस्ताव आए जिनमें से 1044 के टेंडर अभी तक अपलोड हुए है।


संबंधित समाचार