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Charcha : ‘अघाड़ी’ की कैसे बनेगी बिगड़ी ? चर्चा प्रधान संपादक Dr Himanshu Dwivedi के साथ

Charcha : ‘अघाड़ी’ की कैसे बनेगी बिगड़ी ? चर्चा प्रधान संपादक Dr Himanshu Dwivedi के साथ

 

जनता टीवी के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, आज हम दो मुद्दों पर इस कार्यक्रम में चर्चा कर रहे हैं। सबसे पहले जो हम मुद्दे पर बात कर रहे हैं, वो इस वक्त चर्चा का सबब बनी हुई है। महाराष्ट्र में 29 महीने पुरानी उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार संकट में है।

शिवसेना के कर्मठ और कर्तव्य पर चलने वाले नेता ही बागी हो गए हैं। ये जो बागी नेता है वह एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में सूरत में डेरा डाले हुए हैं। इसी बीच बीजेपी पर आरोप का सिलसिला जारी हो गया है। यह भाजपा का ऑपरेशन लॉट्स है। हमारी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश है। हमारे विधायकों को बरगलाया गया है। ऐसी तमाम कहानियां चल रही हैं।

लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात दर्शकों के लिए जानने योग्य है। एकनाथ शिंदे बागी विधायकों के साथ सूरत में मौजूद हैं और उनके साथ विधायक, मंत्री और निर्दलीय विधायक भी हैं। ऐसे में सीएम उद्धव ठाकरे ने ऐसे संकट के बीच जब विधायकों की बैठक अपने घर बुलाई तो उसमें सिर्फ 22 विधायक ही पहुंचे, जिनकी संख्या 56 बताई जा रही है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि संकट कितना बड़ा है।

'अघाड़ी' की कैसे बनेगी बिगड़ी?



दूसरी तरफ हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश की। जहां नगरीय निकाय चुनाव चल रहे हैं। अलग अलग नगरों से अलग अलग खबरें आ रही हैं। कई लोग होश खो रहे हैं , कई लोग बगावत कर रहे हैं, कई लोग शिकायत कर रहे हैं। इस समय जो सबसे ज्यादा परेशानी का सबब बनी हुई है। वो है कांग्रेस के लिए ग्वालियर-चंबल अंचल, वो ग्वालियर-चंबल अंचल जो सिंधिया का गढ़ माना जाता है। वो सिंधिया जो कांग्रेस की पहचान थे, जो अब बीजेपी के नेता है। अब उसी ग्वालियर-चंबल अंचल में लोग एक दूसरे का सिर फोड़ देने के लिए आमादा हैं।

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