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बाबा केदार की डोली ने धाम की ओर किया प्रस्थान, ऋषिकेश में संयुक्त यात्रा के लिए उमड़ी भक्तों की भीड़

बाबा केदार की डोली ने धाम की ओर किया प्रस्थान, ऋषिकेश में संयुक्त यात्रा के लिए उमड़ी भक्तों की भीड़

 

श्री केदारनाथ भगवान (Kedarnath) की पंचमुखी डोली ने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ (Omkareshwar Temple Ukhimath) से केदारनाथ धाम के लिए प्रस्थान किया। आज ये डोली प्रथम पड़ाव श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी (Shri Vishwanath Temple Guptkashi) पहुंचेगी। वहीं दूसरी ओर संयुक्त यात्रा के लिए ऋषिकेश में बस अड्डे पर पंजीकरण केंद्र के बाहर चारधाम यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ती हुई नजर आ रही है।

बता दें कि आज सोमवार को वेद मंत्रोच्चार एवं धार्मिक परंपराओं के बीच बाबा केदार की पंचमुखी भोगमूर्ति चल विग्रह डोली में विराजमान होकर पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से केदारनाथ धाम के लिए रवाना हुई। उधर, माँ गंगा (Ganga) की डोली भी अपने शीतकालीन पड़ाव मुखबा (मुखीमठ) से गंगोत्री धाम (Gangotri Dham) के लिए रवाना होने की तैयरी में है।

पंचकेदार गद्दीयल ओंकारेश्वर मंदिर में आज सुबह 6 बजे से ही पूजा-अर्चना शुरू हो गई थी। इस दौरान केदारनाथ के लिए नियुक्त मुख्य पुजारी टी. गंगाधर लिंग (Priest T. Gangadhar Linga) ने  गर्भगृह गद्दीस्थल से बाबा केदार की पंचमुखी भोगमूर्ति पंचकेदार को सभामंडप में विराजमान किया। इसके बाद पंचमुखी भोगमूर्तियों को चल उत्सव विग्रह डोली (Chal Utsav Vigraha Doli) में विराजमान कर उनका भव्य शृंगार किया गया।

6 मई को खुलेंगे केदारनाथ मंदिर के कपाट
बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने ओंकारेश्वर मंदिर की परिक्रमा के बाद धाम के लिए प्रस्थान किया। डोली अपने पहले पड़ाव विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी। इसके बाद वह 3 मई को नारायणकोटी और मैखंडा होते हुए अपने दूसरे पड़ाव फाटा पहुंचेगी, फिर 4 मई को सीतापुर और सोनप्रयाग होते हुए गौरीकुंड में रात्रि प्रवास किया जाएगा। उसके बाद 5 मई को गौरीकुंड से 17 किमी पैदल रास्ता तय कर डोली दोपहर को अपने धाम केदारनाथ पहुंच जाएगी। जहां 6 मई को सुबह 6.25 बजे केदारनाथ मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे।

उधर, मुखबा (मुखीमठ) से मां गंगा की डोली रात्रि विश्राम के लिए भैंरो घाटी पहुंचेगी। इसके बाद 3 मई को अक्षय तृतीय के दिन डोली गंगोत्री धाम के लिए प्रस्थान करेगी। इसी के साथ ग्रीष्मकाल के लिए अक्षय तृतीया पर पूर्वाह्न 11.15 बजे धाम के कपाट खोल दिए जाएंगे।

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