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आजम खान को एमपी-एमएलए कोर्ट से राहत के बाद भी नहीं बहाल होगी विधानसभा सदस्‍यता, ये है वजह

आजम खान को एमपी-एमएलए कोर्ट से राहत के बाद भी नहीं बहाल होगी विधानसभा सदस्‍यता, ये है वजह

 

Azam Khan:रामपुर के एमपी-एमएलए/सत्र न्‍यायाधीश कोर्ट ने सपा के 2019 में हेट स्पीच के मामले में बड़ी राहत देते हुए निचली अदालत द्वारा दी गयी तीन साल कैद की सजा को खारिज कर दिया है। इसकी जानकारी खां के वकील विनोद शर्मा ने देते हुए कहा, “निचली अदालत के खिलाफ हमने अपील दाखिल की थी। आज फैसला हमारे पक्ष में आया है। अदालत ने कहा है कि नफरती भाषण मामले में निचली अदालत का फैसला गलत था। हमें उन सभी मामलों में दोषमुक्त कर दिया गया है।”हालांकि इस मामले से दोषमुक्त होने के बावजूद आजम खां की विधानसभा सदस्‍यता फिलहाल बहाल होना मुश्किल है, इस लेख में जानें इसकी सबसे बड़ी वजह..

विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए अदालत में अपील की थी
गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान नफरती भाषण देने के मामले में एमपी/एमएलए मजिस्‍ट्रेट अदालत ने उस वक्‍त रामपुर सदर सीट से सपा विधायक रहे खां को 27 अक्‍टूबर 2022 को तीन साल की सजा सुनायी थी। उसके बाद उनकी विधानसभा सदस्‍यता खत्‍म कर दी गयी थी और वोट देने का अधिकार भी वापस ले लिया गया था। खां ने निचली अदालत के इस निर्णय के खिलाफ विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए अदालत में अपील की थी।

वहीं खां की विधानसभा सदस्‍यता खत्‍म होने के बाद पिछले साल रामपुर सदर सीट पर उपचुनाव हुआ था, जिसमें भाजपा प्रत्‍याशी आकाश सक्‍सेना ने खां के करीबी सपा उम्‍मीदवार आसिम राजा को हराया था।

विधानसभा सदस्यता बहाल न होने की बड़ी वजह
बता दें कि अदालत से आज राहत मिलने के बावजूद खां की विधानसभा सदस्‍यता फिलहाल बहाल होना मुश्किल है, क्योंकि अवैध रूप से मार्ग जाम करने के मामले में मुरादाबाद की एक अदालत ने आजम खां और उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम को इसी साल दो-दो वर्ष की सजा सुनाई थी। इसके बाद अब्दुल्ला की भी विधानसभा सदस्‍यता खत्‍म कर दी गयी थी। इस मामले में भी सजा सुनाये जाने के कारण आजम खां की सदस्‍यता फिलहाल बहाल होना मुश्किल है।

 


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