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UP-TET: पेपर लीक के शोर में दब गई ये बड़ी गलतियां, जानिए कैसे

UP-TET: पेपर लीक के शोर में दब गई ये बड़ी गलतियां, जानिए कैसे

 

उत्तर प्रदेश (Uttar pradesh) शिक्षक पात्रता परीक्षा (UPTET) का पेपर अगर 28 नवंबर को लीक नहीं होता तो भी परीक्षा का सकुशल संपन्न हो पाना मुश्किल ही होता। पहली बार यूपी-टीईटी के प्रश्न पत्र और ओएमआर शीट को छापने (Print) वाले बदरपुर नई दिल्ली (New Delhi) के प्रिंटिंग प्रेस आरएसएम फिनसर्व लिमिटेड ने इतनी गड़बड़ियां की थी कि परीक्षा के लिए पेपर बांटते हुए केंद्र अफसरों के हाथ-पांव फूल गए थे।

इन सभी गड़बड़ियों में सबसे बड़ी गड़बड़ी ये थी कि कई केंद्रों पर अभ्यर्थियों की संख्या से कम प्रश्नपत्र (Question Paper) भेजे गए थे हर बार प्रत्येक केंद्र पर परीक्षार्थियों की संख्या से 10 प्रतिशत अधिक प्रश्न पत्र भेजे जाते हैं ताकि पेपर डैमेज हो तो उसे बदल सकें। लेकिन प्रयागराज के ही एक केंद्र पर आवंटित 450 अभ्यर्थियों के लिए सिर्फ 408 प्रश्नपत्र ही मिले थे।

ये सिर्फ एक जगह नहीं बल्कि पेपर पैकिंग में यह चूक कई अन्य जिलों में हुई थी और परीक्षा शुरू होने के बाद कई जिलों के जिलाधिकारियों ने शासन को फोन करके यह बात बताई भी थी। इसके अलावा ओएमआर शीट पर ए, बी, सी, डी सीरीज भी नहीं थी। प्रयागराज में पेपर जिस ट्रक से भेजा गया उसे लेकर आने वाला व्यक्ति बिल्कुल अनुभवहिन था। वह अफसरों के सामने ही प्रिंटिंग प्रेस का नाम बताने लगा। जबकि प्रिंटिंग प्रेस का नाम किसी को कभी नहीं बताया जाता है।

पेपर जिन गत्ते के डिब्बों (कार्टून) में पैक करके भेजे गए थे वे भी बहुत सुरक्षित नहीं थे। सूत्रों के अनुसार पेपर का ट्रक लेकर आने वाले व्यक्ति के पास रिसीविंग नहीं थी। अफसरों ने उसे प्रिंटिंग प्रेस से मंगवाने को कहा तो व्हाट्सएप पर मंगाकर दिखाने लगा।

इसके बाद उसे ई-मेल से रिसीविंग परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय और वहां से जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय भेजने को कहा गया। इसमें चार घंटे लग गए और पेपर का ट्रक कलेक्ट्रेट में बाहर खड़ा रहा। हालांकि पेपर लीक के शोर में सारी अनियमितताएं दबी रह गई।

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