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शिमला-धर्मशाला फोरलेन का कार्य बीच अधर में लटका, ये है कारण

शिमला-धर्मशाला फोरलेन का कार्य बीच अधर में लटका, ये है कारण

 

शिमला-धर्मशाला फोरलेन का कार्य केंद्र सरकार की ओर से बजट जारी न होने से लटक गया है। केंद्र सरकार की ओर से शिमला-धर्मशाला फोरलेन के लिए भूमि अधिग्रहण पर भी रोक लगी है। इस फोरलेन की घोषणा को दो वर्ष से भी ज्यादा समय हो गया है लेकिन एनएचएआई इसका एक भी टेंडर नहीं करवा पाया है। 5000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले शिमला-धर्मशाला फोरलेन को एनएचएआई ने पांच पैकेज में बांटा हैं और हर पैकेज के लिए 1000 करोड़ का बजट रखने और सभी पैकेज के अलग टेंडर करने का दावा किया गया था।

दो वर्ष से ज्यादा समय बीत जाने पर भी अभी तक इस फोरलेन के एक भी पैकेज के लिए बजट जारी नहीं किया गया है। इस फोरलेन के बन जाने से शिमला से धर्मशाला को 8 की जगह 4 घंटे का समय ही लगेगा। एनएचएआई ने पैकेज नंबर-1 शिमला से भराड़ीघाट, पैकेज नंबर-2 भराड़ीघाट से भगेड़, पैकेज नंबर-4 हमीरपुर से ज्वालामुखी और पैकेज नंबर-5 ज्वालामुखी से धर्मशाला तक चार पैकेज की डीपीआर एनएचएआई ने सबमिट कर दी है। सिर्फ भगेड़ से हमीरपुर पैकेज नंबर-3 की अभी तक सबमिट नहीं की है।

इसमें एनएचएआई ने आगामी एक पखवाड़े में जमा करने का दावा किया है। इसके अलावा एनएचएआई ने ब्रह्मपुखर से कंदरौर सड़क को डबललेन करने का निर्णय लिया है लेकिन अभी तक फोरलेन के टेंडर न होने से इसका भी कार्य अधर में अटक गया है। शिमला-धर्मशाला फोरलेन के परियोजना निदेशक वाईए राउत ने बताया कि एनएचएआई ने चार पैकेज की डीपीआर जमा कर दी है। इस फोरलेन को बनाने के लिए अभी तक बजट जारी नहीं हुआ है। भूमि अधिग्रहण पर भी रोक लगी है। बजट मिलने पर ही टेंडर प्रक्रिया शुरू हो पाएगी।


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